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US-Taliban Peace Talks: ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति समझौते को दी मंजूरी, लेकिन रखी ये शर्त...

US Taliban peace deal अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकी संगठन तालिबान के साथ शांति समझौते को सशर्त मंजूरी दे दी है

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 07:19 PM (IST)
US-Taliban Peace Talks: ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति समझौते को दी मंजूरी, लेकिन रखी ये शर्त...
US-Taliban Peace Talks: ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति समझौते को दी मंजूरी, लेकिन रखी ये शर्त...

काबुल, न्यूयॉर्क टाइम्स अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) के साथ शांति समझौते (peace talks) को सशर्त मंजूरी दे दी है। लेकिन समझौते पर हस्ताक्षर तभी किए जाएंगे जब तालिबान इस महीने के आखिरी सात दिनों में हिंसा में कमी की अपनी प्रतिबद्धता को साबित करेगा।

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तालिबान अगर समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो अमेरिका अफगानिस्तान में मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुलाने का काम शुरू कर देगा। साथ ही अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर तालिबान और अफगान सरकार के बीच सीधी वार्ता शुरू हो सकेगी। तालिबान हालांकि अमेरिकी सेना के देश छोड़ने के बाद ही अफगान सरकार से बातचीत करने की बात कह रहा है।

अफगानिस्तान सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन पर बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने मंगलवार को अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं को अलग-अलग फोन कर ट्रंप द्वारा समझौते को सशर्त मंजूरी देने की जानकारी दी। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ट्रंप ने सोमवार को ही समझौते को मंजूरी दे दी थी। ट्रंप सोमवार को अफगानिस्तान में एक हमले में मारे गए दो अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि देने डोवर एयरफोर्स बेस गए थे। अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक के मुताबिक सैद्धांतिक तौर पर इस समझौते पर सहमति बन गई है, लेकिन अंतिम समझौता कुछ दिनों में सामने आएगा। तालिबान ने भी समझौते के पक्ष में सकारात्मक कदम की जानकारी दी है, लेकिन बातचीत जारी होने का हवाला देते हुए कुछ और बताने से इन्कार कर दिया है।

पर्दे के पीछे चल रही थी बात

लगभग एक साल की बातचीत के बाद तालिबान और अमेरिका पिछले साल सितंबर में भी समझौते के नजदीक पहुंच गए थे। लेकिन एक हमले में अमेरिकी सैनिक और कुछ अफगानिस्तान सैनिकों के मारे जाने के बाद ट्रंप ने वार्ता स्थगित कर दी थी। अधिकारियों का हालांकि मानना है कि यह इस बात का संकेत था कि तालिबान समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कैंप डेविड आए। इस बीच पर्दे के पीछे बात चलती रही और कैदियों की अदला-बदली सहित विश्वास बहाली के काम में महीनों लग गए। सितंबर में जब समझौता होने वाला था तब उसमें अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की समय सीमा सहित कई बातें शामिल थीं। लेकिन तब से अब तक समझौते में कितना बदलाव आया है, यह अभी भविष्य के गर्भ में है।

शांति की कोशिशों के परिणाम सामने आ रहे: गनी

विदेश मंत्री पोंपियो से फोन पर बात करने के बाद अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, मैं इस बात से खुश हूं कि हमारी शांति की कोशिशों के परिणाम सामने आने लगे हैं। समझौते का प्राथमिक उद्देश्य खूनखराबे को रोकना है। अफगानिस्तान सरकार के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला-अब्दुल्ला ने भी कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो ने हिंसा में कमी और शांति समझौते पर आशा व्यक्त की है। पिछले कई महीनों से जालमे खलीलजाद के नेतृत्व में अमेरिकी राजनयिक कतर में डेरा डाले हुए हैं और तालिबान को समझौते पर राजी करने की कोशिश कर रहे हैं।


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