अफगान वार्ता दल की सदस्य पर जानलेवा हमला, बाल-बाल बचीं; तालिबान की मुखर आलोचक हैं पूर्व सांसद
अफगान शांति वार्ता शुरू होने से पहले देश में लड़ाई अचानक तेज हो गई है। ताजा हिंसा में सुरक्षाकर्मियों समेत 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान शांति वार्ता दल की महिला सदस्य एवं पूर्व सांसद फौजिया कूफी पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वह बाल-बाल बच गईं। कूफी महिला अधिकारों की लड़ाई के लिए समर्पित कार्यकर्ता और तालिबान की मुखर आलोचक हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर बाद परवान प्रांत से लौट रहीं कूफी पर काबुल के पास किसी बंदूकधारी ने हमला किया। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
तालिबान के साथ होने वाली वार्ता में अफगान सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले 21 सदस्यीय दल में कूफी भी शामिल हैं। यह शांति वार्ता फरवरी में हुए अमेरिका-तालिबान समझौते के तहत हो रही है। अफगान प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मुहम्मद मासूम स्तानेकजेई ने ट्वीट करके कहा कि कूफी बच गईं और वह ठीक हैं। किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान और इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन अफगान सरकार से जुड़े लोगों पर हमला करते रहे हैं।
वार्ता से पहले हिंसा बढ़ी
अफगान शांति वार्ता शुरू होने से पहले देश में लड़ाई अचानक तेज हो गई है। ताजा हिंसा में सुरक्षाकर्मियों समेत 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अफगान सरकार और तालिबान, एक-दूसरे पर शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, कतर की राजधानी दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक, शांति वार्ता हफ्तेभर में शुरू हो जाएगी। लेकिन, इससे पहले काबुल प्रशासन को तालिबान की मांग के अनुसार सभी कैदियों को रिहा करना होगा। इनमें से 380 कैदी अब भी सलाखों के पीछे हैं।
वहीं, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि रिहा किए गए तालिबान आतंकी दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं, लेकिन शांति के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान और तालिबान के बीच कैदियों की रिहाई को लेकर हुए समझौते के तहत अफगान ने शुक्रवार को 400 तालिबानी आतंकियों को रिहा कर दिया। यह जानकारी अधिकारियों की ओर से दी गई। गुरुवार को 80 कैदियों को रिहा किया गया था।