जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं, उन पर भी प्रभाव छोड़ रही महामारी: अध्ययन
नए शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस (कोविद -19) महामारी उन लोगों पर भी भारी मानसिक प्रभाव छोड़ रही है जो इस बीमारी से सीधे प्रभावित नहीं हुए हैं। अध्ययन में कहा गया है कि फ्रंटियर इन साइकियाट्री इन लोगों से मिला है।
सिडनी, आइएएनएस। नए शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस (कोविद -19) महामारी उन लोगों पर भी भारी मानसिक प्रभाव छोड़ रही है, जो इस बीमारी से सीधे प्रभावित नहीं हुए हैं। अध्ययन में कहा गया है कि फ्रंटियर इन साइकियाट्री, इन लोगों से मिला है। संक्रमण और मृत्यु दर की कम दर वाले देश - जैसे महामारी की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया - अभी भी यहां अधिक लोग अवसाद और चिंतित हैं।
ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी के लेखक एमी डॉवेल ने कहा कि ये परिणाम काफी हद तक वित्तीय तनाव और लोगों के सामाजिक जीवन से संबंधित हैं। हम पहले से ही महामारी अनुसंधान से जानते हैं कि जो लोग इससे प्रभावित होते हैं, और कोरोना से प्रभावित हो जाते हैं वो बीमार हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती होते हैं और उनके करियर प्रभावित होते हैं।
हालांकि, हमारे डेटा बताते हैं कि कोविद -19 के उप-उत्पाद आबादी को व्यापक रूप से प्रभावित कर रहे हैं और चिंता का विषय यह है कि मजबूत देश भी इसमें शामिल हैं। डॉव ने कहा कि प्रतिबंध, जो कोविद -19 की सबसे खराब स्थिति को रोकते हैं, वह महामारी के अप्रत्यक्ष प्रभावों को नजरअंदाज कर सकते हैं।
हालांकि, इस अवधि के दौरान ,घर से काम करने वालों पर किसी भी नकारात्मक प्रभाव नहीं था। मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों की उच्च दर भी ऐसे लोगों में पाई गई जो कम उम्र के थे। या फोर वो जो पहले से ही मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। डॉवेल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जिस तरह से देशों ने कोविद -19 का प्रबंधन किया है, वह उनकी आबादी के मानसिक स्वास्थ्य को कम प्रभावित करने की संभावना है।
हाल ही में कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर में जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कोविद -19 स्वास्थ्य सूचना के लिए सोशल मीडिया का अधिक उपयोग अवसाद और माध्यमिक आघात दोनों से संबंधित है