कोविड-19 की फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड वेव पर जानें क्या कहता है विश्व स्वास्थ्य संगठन
WHO का कहना है कि कोविड-19 महामारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन इस दौरान फ्लू के मामलों में कमी देखने को मिली है।
संयुक्त राष्ट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित किए हुए गुरुवार को छह माह पूरे हो जाएंगे। रॉयटर्स के मुताबिक वर्तमान में पूरी दुनिया में इसमें 16,760,361 मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने कुछ खास बातों का जिक्र एक वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेन्स के दौरान किया है। इसमें उन्होंने इस बीमारी की फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड वेव को लेकर सामने आ रही बातों के मद्देनजर कहा कि दरअसल इसको इस तरह से परिभाषित भी नहीं कर रहे हैं, लिहाजा इनका कोई मतलब नहीं है।
इस वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने एक खास बात का और जिक्र किया है। इसमें उन्होंने कहा कि दुनिया के उन देशों में जहां सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है वहां पर इंफलएंजा (फ्लू) के मामले कम रहे हैं जबकि कोविड-19 के काफी मामले सामने आ रहे हैं। उनके मुताबिक इसका अर्थ है कि इन देशों में फ्लू का समय शुरू होने में कुछ विलंबहो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अमेरिका काफी समय से संक्रमण का मुख्य केंद्र बना हुआ है। यहां पर इसके लगभग 45 लाख मामले सामने आए हैं। जबकि यहां पर गर्मी पड़ रही है। हैरिस ने इस बात की भी आशंका जताई है कि बदलते मौसम से इस वायरस के संक्रमण और इसके फैलाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। वहीं दुनिया में काफी लोगों सोच रहे हैं कि मौसम में बदलाव से इसमें कमी आएगी या ये खत्म हो जाएगा। उनके मुताबिक जहां पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो रहे हैं वहां पर संक्रमण अधिक तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि लोग इस तरह की जगहों पर बचाव के उपाय नहीं अपना कर लापरवाही बरत रहे हैं। इसकी वजह से भी कई देशों में लगातार मामले बढ़ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो कोविड-19 वायरस संभवत: सांस संबंधी अन्य बीमारियों की तरह मौसम के बदलावों से प्रभावित नहीं होने वाला है। संगठन ने लोगों से अपील की है कि ऐसे में लोगों का लापरवाह होना उन्हें मुश्किल में डाल सकता है। स्वास्थ्य एजेंसी ने सभी लोगों से अपील की है कि वो घर से बाहर निकलते समय पूरी एहतियात बरतें। हैरिस ने इस वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि ब्राजील में संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं, जबकि यह एक भूमध्यरेखीय देश है। हैरिस ने उन धारणाओं का भी खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि सांस संबंधी ये बीमारी की कम और ज्यादा असर वाली वेव देखने को मिल सकती हैं। उनके मुताबिक ये बीमारी एक बड़ी वेव के जरिए ही मौजूद रहेगी। इसके फैलाव और प्रभाव में कुछ उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं। उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए टेस्टिंग करने पर ज्यादा जोर दिया है। उन्होंने कहा कि यएि ऐसा नहीं हुआ तो बीमारी की स्थिति की सटीक जानकारी ही नहीं मिलेगी।