खशोगी के हत्यारों को 7 से 20 साल की सजा का एलान, परिजनों के माफी देने पर मौत की सजा टली
सऊदी कानून के मुताबिक अगर मृतक के परिजन हत्यारे को माफ कर देते हैं तो उसे मौत की सजा नहीं दी जाती है।
रियाद, रायटर। तुर्की में हुई पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सोमवार को सऊदी अरब की अदालत ने आठ लोगों को सात से 20 साल के कारावास की सजा सुनाई। सऊदी पत्रकार खशोगी की हत्या दो अक्टूबर, 2018 को तब हुई थी जब वह इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में गए थे। उन्हें सऊदी अरब की राजसत्ता खासतौर पर युवराज मुहम्मद बिन सलमान का आलोचक माना जाता था। सितंबर 2019 में युवराज ने माना था कि उनकी जानकारी में खशोगी की हत्या हुई थी।
दिवंगत पत्रकार के परिजनों के माफी देने पर मौत की सजा से बचे
खशोगी हत्या मामले में अदालत का यह फैसला दिवंगत पत्रकार के परिजनों की माफ करने की घोषणा के चार महीने के बाद आया है। ये परिजन सऊदी अरब में ही रहते हैं। सऊदी कानून के मुताबिक अगर मृतक के परिजन हत्यारे को माफ कर देते हैं तो उसे मौत की सजा नहीं दी जाती है।
अदालत ने हत्या के दोषी पाए गए आठ में से पांच लोगों को मौत की सजा दी थी
बताया गया है कि दिसंबर 2019 में अदालत ने हत्या के दोषी पाए गए आठ में से पांच लोगों को मौत की सजा दी थी, लेकिन परिजनों के माफी देने के बाद अब इन दोषियों के लिए 20-20 साल की सजा का एलान हुआ है। एक दोषी को दस साल और दो को सात-सात साल के कारावास की सजा दी गई है। दोषी पाए गए लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
पत्रकार खशोगी को दर्दनाक तरीके से मारा था
हत्याकांड की जांच में पता चला था कि खशोगी को सऊदी अरब के खुफिया विभाग के खास दस्ते ने दर्दनाक तरीके से मारा था और उनकी लाश को वाणिज्य दूतावास के भीतर ही नष्ट कर दिया था। पत्रकार की इस बर्बर हत्या की दुनिया भर में कड़ी निंदा हुई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कहा था। इसी के बाद हत्या में सऊदी अरब के सरकारी खुफिया विभाग की संलिप्ततता सामने आई और अब उनके लिए सजा का एलान हुआ है।