माल्या के प्रत्यर्पण की समय सारिणी पर पड़ सकता कोरोना का असर, जानें क्या है विशेषज्ञ की राय
विशेषज्ञ का कहना है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की समय सारिणी पर कोरोना वायरस का असर पड़ सकता है। जानें कैसे आ सकती है प्रत्यर्पण में बाधा...
लंदन, पीटीआइ। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की समय सारिणी पर कोरोना वायरस का असर पड़ सकता है। ब्रिटेन में प्रत्यर्पण विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते जारी प्रतिबंध ब्रिटेन के मानवाधिकार पर यूरोपीय समझौते के अनुच्छेद-तीन में नया आयाम जोड़ सकते हैं। बैरिस्टर टॉबी कैडमैन ने कहा कि जहां तक समय सारिणी का सवाल है तो सब कुछ कोरोना वायरस पर निर्भर है। अब सवाल यह है कि ब्रिटेन अनुच्छेद-तीन का उल्लंघन कर सकता है अगर वह एक व्यक्ति को ऐसे देश में प्रत्यर्पित करता है जहां उसे ऐसे वातावरण में हिरासत में लिए जाने का खतरा होगा जहां कोरोना वायरस से संक्रमण की आशंका है।
उन्होंने आगे कहा, हाई कोर्ट ने प्रभावी रूप से कहा कि भले ही चीफ मजिस्ट्रेट का रुख गलत था, लेकिन उनका फैसला गलत नहीं था। इसलिए यह स्पष्ट है कि माल्या को सुप्रीम कोर्ट में अच्छी खासी बाधा का सामना करना पड़ेगा। सैद्धांतिक तौर पर माल्या अपना प्रत्यर्पण रुकवाने के लिए यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ईसीएचआर) भी जा सकता है। वह इस बात को आधार बना सकता है कि उसे निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा और उसे ऐसे हालात में हिरासत में लिया जाएगा जो अनुच्छेद-तीन का उल्लंघन होगा। प्रत्यर्पण से पहले सट्टेबाज संजीव चावला ने भी यही प्रक्रिया अपनाई थी।
अब तक हुए हैं दो प्रत्यर्पण
भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में प्रर्त्यपण संधि हुई थी और यह नवंबर, 1993 में प्रभावी हुई थी। इसके तहत अब तक दो ब़़डे प्रत्यर्पण हुए हैं। 2016 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में संलिप्तता के संबंध में समीरभाई विनुभाई पटेल और इसी साल फरवरी में क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला को भारत लाया गया था। आर्थिक भगोड़ों के खिलाफ महत्वपूर्ण उपलब्धि : सीबीआइ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने माल्या के खिलाफ ब्रिटिश हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'यह उन आर्थिक भगोड़ों के खिलाफ जारी लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो देश की न्यायिक प्रक्रिया से दूर रहने में कामयाब रहे हैं।' सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौर ने कहा कि यह फैसला सीबीआइ द्वारा मेहनत और सावधानीपूर्वक की गई जांच की भी पुष्टि करता है।