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कोरोना वायरस : सरकार के अगले आदेश तक सड़कों पर डटे रहेंगे सैनिक- बांग्‍लादेश सेना

बांग्लादेश रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य रूप से सोशल डिस्‍टेंसिंग को लागू करने के लिए देशभर में कुल 3000 सैन्य कर्मियों और 400 नौसेना के जवानों को तैनात किया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 01:04 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 01:04 PM (IST)
कोरोना वायरस : सरकार के अगले आदेश तक सड़कों पर डटे रहेंगे सैनिक- बांग्‍लादेश सेना
कोरोना वायरस : सरकार के अगले आदेश तक सड़कों पर डटे रहेंगे सैनिक- बांग्‍लादेश सेना

ढाका, पीटीआइ। बांग्‍लादेश सरकार ने कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए सेना को सड़कों पर उतार दिया है। सेना का कहना है कि जब सरकार उन्‍हें बैरक में लौटने का आदेश नहीं देती है, तब तक जवान सोशल डिस्‍टेंसिंग को लागू करने के लिए 'एंटी कोविड-19 स्‍ट्रीट कैंपेन' जारी रखेंगे। सेना प्रमुख जनरल अजीज अहमद ने कहा कि उनके सैनिक घातक कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में 'हर संभव कोशिश' करेंगे, क्योंकि सड़कों पर उनकी उपस्थिति आम लोगों और नागरिक प्रशासन को 'अत्यधिक ऊर्जावान' प्रतीत हुई। डेली सन अखबार ने सेना प्रमुख के हवाले से कहा कि सेना सिविल सर्विस के लिए अपनी सेवा तब तक देगी जब तक सरकार चाहेगी।

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जनरल अहमद ने कहा कि सैनिकों की तैनाती से आम लोगों और अधिकारियों को आने वाले दिनों में महामारी के फैलने की आशंकाओं के बीच मानसिक रूप से राहत मिली है। प्रधानमंत्री हसीना ने COVID-19 के खिलाफ अभियान को एक 'युद्ध' कहा, क्योंकि उनकी सरकार ने देश में महामारी का मुकाबला करने में प्रशासन को राष्ट्रव्यापी मदद करने के लिए सशस्त्र बलों को बुलाया है।
 
इस बीच रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य रूप से 'सोशल डिस्‍टेंसिंग' को लागू करने के लिए देश भर में कुल 3,000 सैन्य कर्मियों और 400 नौसेना के जवानों को तैनात किया गया है, जबकि वायुसेना को बांग्लादेश के किसी भी हिस्से में पीडि़तों और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के नए जत्थे समय-समय पर कोविड -19 ड्यूटी पर पहले से ही तैनात जवानों की जगह लेंगे, जबकि पिछले लोगों को सुरक्षा के लिए उनके बैरक में लौटा दिया जाएगा।
 
बांग्‍लादेश में सैनिकों को राजधानी ढाका और अन्य शहरों में सड़कों पर गश्त लगाते देखा जाता है, जो अपने वाहनों पर मेगाफोन लगाए हुए हैं ताकि लोगों को घर के अंदर रहने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कहा जा सके। आधिकारिक गणना के अनुसार कोरोना वायरस से अब तक बांग्‍लादेश में 5 लोगों की मौत हो चुकी है और देश में 48 अन्य लोगों इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हैं। ऐसे में  वायरस के फैलने की आशंकाओं ने सरकार को मार्च की शुरुआत में धीरे-धीरे कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। इसके तहत अधिकारियों ने स्कूलों को बंद करने और विदेशी उड़ान संचालन को प्रतिबंधित करने के बाद इस सप्ताह एक राष्ट्रव्यापी आभासी लॉकडाउन की ओर कदम उठाया। सरकार ने कार्यालयों, व्यवसायों और सभी सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का आदेश दिया।
 
बांग्लादेश ने कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर 26 मार्च से 10 दिनों की देशव्यापी छुट्टी की घोषणा की थी और सेना को सोशल डिस्‍टेंसिंग को लागू कराने के लिए बुलाया। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय सोशल डिस्‍टेंसिंग को ही बताया है। बता दें कि इससे पहले सरकार ने सशस्‍त्र को विशेष रूप से नागरिक प्रशासन की सहायता जैसे बाढ़ और चक्रवातों जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए ही बुलाया है।  

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