श्रीलंका में संसदीय कार्यो के संचालन के लिए समिति बनाने पर सहमति
स्थायी समिति में सदस्यों को लेकर राजपक्षे और विक्रमसिंघे की पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाई।
कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका में छिड़े सत्ता संघर्ष के बीच संसदीय मामलों के संचालन के लिए एक सेलेक्ट कमेटी बनाने पर सभी दल सहमत हो गए हैं। हालांकि समिति के सदस्यों पर सहमति नहीं बनी है। वहीं राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए महिंदा राजपक्षे के खिलाफ तीसरे अविश्वास प्रस्ताव के लिए सोमवार को बुलाया गया संसद सत्र मात्र 10 मिनट में ही स्थगित हो गया।
राष्ट्रपति सिरीसेन ने 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाने का एलान कर दिया था। तभी से यहां राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। सेलेक्ट कमेटी बनाने का यह फैसला राष्ट्रपति द्वारा सियासी संकट के समाधान के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बेनतीजा रहने के एक दिन बाद किया गया।
सत्र शुरू होने पर डिप्टी स्पीकर आनंदा कुमारासिरि ने सदन को बताया कि सत्र से पहले सभी दलों की एक बैठक हुई थी जिसमें संसदीय कामकाज देखने के लिए एक स्थायी समिति बनाने पर सहमति बनी है। लेकिन स्थायी समिति में सदस्यों को लेकर राजपक्षे और विक्रमसिंघे की पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाई।
दोनों पक्ष समिति में अपने सदस्यों की संख्या ज्यादा रखने पर अड़े रहे। इस पर सहमति नहीं बनते देख सत्र को 23 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।