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वायु प्रदूषण की चपेट में काबुल, अफगानिस्तान सरकार ने जताई चिंता

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल भी इस वक्त वक्त वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित है। यहां पर लगातार एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है। कई इलाकों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज हो रहा है। आलम यहा है कि यहां की आबोहवा में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 10:49 AM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 11:38 AM (IST)
वायु प्रदूषण की चपेट में काबुल, अफगानिस्तान सरकार ने जताई चिंता
वायु प्रदूषण की चपेट में काबुल, अफगानिस्तान सरकार ने जताई चिंता

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल भी इस वक्त वक्त वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित है। यहां पर लगातार एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है। कई इलाकों में एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज हो रहा है। आलम यहा है कि यहां की आबोहवा में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सरकार की तरफ से भी लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए वह अपना सहयोग करे। बता दें कि वायु प्रदूषण को लेकर ये चिंता ऐसे वक्त में सामने आई है जब सरकार ने किसी को राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (एनईपीए) का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त नहीं किया है।

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काबुल निवासियों ने शनिवार को बताया कि शहर में गंभीर वायु प्रदूषण के चलते सांस की बीमारी की दर बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है क्योंकि लोग ज्यादातर सस्ते ईंधन का उपयोग करते हैं। 

यहां पर स्थित निवासी नूर गुल ने कहा, 'काबुल में प्रदूषण बढ़ रहा है, और यह बहुत खतरनाक है, जिससे कई समस्याएं और बीमारियां पैदा हो रही हैं।' सरकारी और निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काबुल में प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए पुष्टि की है कि सर्दी शुरू होते ही सांस की बीमारियों के मरीज बढ़ जाते हैं।

एक डॉक्टर टैंकीन ने कहा, 'प्रदूषण से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं और कई मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए आ रहे हैं।' इस बीच, काबुल नगर पालिका के अधिकारियों ने सभी निवासियों से प्रदूषण कम करने में सहयोग करने का आग्रह किया है। काबुल के डिप्टी मेयर हमदुल्ला नोमानी ने कहा, 'यह हमारी जिम्मेदारी है, और हम अपने प्रयास जारी रखेंगे, इसलिए हम लोगों से सहयोग करने का अनुरोध करते हैं।'

माना जा रहा है कि यहां पर ज्यादातर लोग कोयले, प्लास्टिक और अन्य सस्ते ईंधन का उपयोग कर रहे हैं, जिससे निवासियों के जीवन को गंभीर खतरा है।


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