लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी हत्याकांड में हिज्बुल्लाह और सीरिया को क्लीन चिट
न्यायाधीशों ने सुबूतों के बारीकी से अध्ययन में पाया कि हिज्बुल्लाह के उन चार सदस्यों से कोई वास्ता नहीं है जिन्हें हत्या के लिए जिम्मेदार बताया गया था।
लीड्सचेंडम, एपी। संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत नीदरलैंड्स में कार्यरत विशेष अदालत ने लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी के हत्या मामले में आरोपित अतिवादी संगठन हिज्बुल्लाह के सदस्य सालिम अयाश को दोषी ठहराया है, लेकिन बाकी तीन को बरी कर दिया है। सालिम को साजिश में शामिल बताया गया है, लेकिन हिज्बुल्लाह नेतृत्व और सीरिया को क्लीन चिट दे दी गई है। कहा है कि इनके खिलाफ हत्याकांड में शामिल होने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। हरीरी की हत्या 2005 में विस्फोटक से भरे ट्रक से टक्कर मारकर की गई थी।
हरीरी की हत्या के मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल ट्रिब्यूनल गठित किया गया था
मुस्लिम जगत और लेबनान के लिए हरीरी की हत्या की संवेदनशीलता को देखते हुए स्पेशल ट्रिब्यूनल गठित कर मामले की सुनवाई कराई गई। ट्रिब्यूनल की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश डेविड रे ने कहा, हत्या से कई महीने पहले हरीरी लेबनान में सीरिया के दखल करने और सीरिया में हिज्बुल्लाह के प्रभाव को कम करने के प्रयास में जुट गए थे।
न्यायाधीशों ने सुबूतों के अभाव में सीरिया और ज्बुल्लाह को दी क्लीन चिट
न्यायाधीशों ने सुबूतों के बारीकी से अध्ययन में पाया कि हिज्बुल्लाह के उन चार सदस्यों से कोई वास्ता नहीं है जिन्हें हत्या के लिए जिम्मेदार बताया गया था। इससे हत्याकांड में हिज्बुल्लाह का हाथ होने का शक आधारहीन साबित होता है। इतना ही नहीं, हरीरी की हत्या में सीरिया के शामिल होने का भी कोई स्पष्ट सुबूत नहीं है। रे ने यह बात मामले का अंतिम आदेश पढ़ते हुए कही।
हरीरी लेबनान के लोकप्रिय सुन्नी मुस्लिम नेता थे, 2005 में आत्मघाती हमले में मारे गए थे
हरीरी लेबनान के सबसे ज्यादा लोकप्रिय सुन्नी मुस्लिम नेता थे। आत्मघाती हमले में उनके साथ के 21 लोग और भी मारे गए थे। उनकी हत्या का शक ईरान समर्थित शिया अतिवादी संगठन हिज्बुल्लाह पर था, जो लेबनान में काफी प्रभावशाली है।
बेरूत में हुए जबर्दस्त विस्फोट के चलते यह आदेश दो सप्ताह देरी से आया
बेरूत में हाल ही में हुए जबर्दस्त विस्फोट के चलते यह आदेश दो सप्ताह देरी से आया है। तीन हजार टन अमोनियम नाइट्रेट में हुए धमाकों में 180 लोग मारे गए थे और छह हजार से ज्यादा घायल हुए थे।