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Xiaomi पर अमेरिकी कार्रवाई से भड़का चीन, प्रतिबंध को बताया अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ

चीन की एक और सरकारी कंपनी स्काईरिजोन को भी वाणिज्यिक तौर पर काली सूची में डाला गया है। यह कंपनी विदेशी सैन्य तकनीक हासिल करने की कोशिश कर रही है। अमेरिका का कहना था कि एडवांस्ड एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 08:50 AM (IST)
Xiaomi पर अमेरिकी कार्रवाई से भड़का चीन, प्रतिबंध को बताया अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ
ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन कंपनी शाओमी को काली सूची में डाला।

हांगकांग, एपी। अमेरिकी सरकार ने चीन की स्मार्टफोन कंपनी शाओमी कॉरपोरेशन को काली सूची में डाल दिया है। यह कार्रवाई तब की गई है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता से हटने में एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है। वहीं, अमेरिकी कार्रवाई से चीन भड़क गया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिझियान ने कहा कि बीजिंग नए प्रतिबंधों का दृढ़ता से विरोध करता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है।  उधर, ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर जब बाइडन की सत्ता हस्तांतरण टीम से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। 

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अमेरिका द्वारा काली सूची में डाले जाने के बाद शाओमी को शेयर शुक्रवार को 10 फीसद गिर गया। हांगकांग के शेयर बाजार हेंगसेंग में इसके शेयर में 0.4 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। सीएनओओसी के शेयर में 1.1 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। बीजिंग स्थित इंडीपेंडेंट कंसलटेंसी डीएफएस एनर्जी के संस्थापक चेन वीदोंग के मुताबिक सीएनओओसी अमेरिका पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है। इससे एक दिन पहले भी ट्रंप प्रशासन ने चीन की तीसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी पर भी प्रतिबंध का एलान किया था। चीन की सेना से संबंधों के चलते इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया गया है।

चीन की तीसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी पर भी लगाया था प्रतिबंध

रक्षा मंत्रालय ने सैन्य संबंधों के चलते नौ कंपनियों को काली सूची में डाला है। जिन कंपनियों पर कार्रवाई की गई है, उसमें शाओमी कॉरपोरेशन और सरकारी विमान निर्माता कंपनी कामर्शियल एयरक्राफ्ट कारपोरेशन ऑफ चाइना भी शामिल है। इन कंपनियों के काली सूची में आने के बाद अमेरिकी निवेशकों को चीन की इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी खत्म करनी होगी। इसके लिए निवेशकों को नवंबर 2021 तक का समय दिया गया हैं। बता दें कि इससे जुड़े कार्यकारी आदेश पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले वर्ष नवंबर 2020 में दस्तखत किए थे। शाओमी कॉरपोरेशन ने अभी तक इस कार्रवाई पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गार्टनर के मुताबिक शाओमी बिक्री के मामले में एपल को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। अमेरिका ने जब हुआवे पर प्रतिबंध लगाया और इसके स्मार्टफोन पर गूगल की जरूरी सेवाएं बंद हो गई तो इसकी बिक्री पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और शाओमी के मार्केट शेयर में बढ़ोतरी हुई।

दक्षिण चीन सागर में उत्खनन करने वाली कंपनी पर भी कार्रवाई

वाणिज्य मंत्रालय ने चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉरपोरेशन (सीएनओओसी) को वाणिज्यिक काली सूची (इकोनॉमिक ब्लैक लिस्ट) में रखा है। इस सूची में होने का यह मतलब है कि इसमें शामिल कंपनियों से तकनीक हस्तांतरण करने या निर्यात करने के लिए अमेरिकी कंपनियों को अमेरिकी सरकार से मंजूरी लेनी होगी। सीएनओओसी विवादित दक्षिणी चीन सागर में उत्खनन का काम करती है। इस क्षेत्र को लेकर वियतनाम, फिलीपींस, ब्रुनेई, ताइवान और मलेशिया के साथ चीन का विवाद चल रहा है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस के मुताबिक दक्षिणी चीन सागर में बीजिंग द्वारा संवेदनशील बौद्धिक संपदा को हथियाने के लिए की जा रही आक्रामक कोशिश से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।


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