चिली में सैन्य तानाशाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, लोकतंत्र की खातिर सड़क पर निकले लोग
सैकड़ों चिली वासियों ने शनिवार की रात सैन्य तानाशाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी 1990 में देश की स्थापति सैन्य तानाशाही के स्थान पर लोकतंत्र की मांग कर रहे थे।
सैंटियागो, एजेंसी । शनिवार को एक बार फिर सैकड़ों चिली वासियों ने सैन्य तानाशाही के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी 1990 में देश की स्थापति सैन्य तानाशाही के स्थान पर लोकतंत्र की मांग कर रहे थे। बता दें कि चिली सरकार द्वारा नागरिकों को दी गई कई आर्थिक रियायतों एवं घोषणाओं के बावजूद प्रदर्शनकारी असंतुष्ट हैं। वह सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
चिली में कई माह से विभिन्न शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का दौर जारी है। चिली सरकार द्वारा नागरिकों को दी गई कई आर्थिक रियायतों एवं घोषणाओं के बावजूद प्रदर्शनकारी असंतुष्ट हैं। वह शनिवार को भी सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। चिली के विभिन्न शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का दौर जारी है। इन प्रदर्शनों में 18 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें चार विदेशी नागरिक हैं। इनमें से पांच की मौत सिक्योरिटी ऑफिसर्स की वजह से हुई है।
संस्थान ने बताया कि 17 अक्टूबर से अब तक 600 लोग घायल हो चुके हैं। चिली के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान ने देश में होने वाली गिफ्तारियों की संख्या में बढ़त बताई है। इसके अनुसार देश भर में 2,400 से अधिक गिफ्तारियां हो चुकी हैं।
बता दें कि चिली में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरो ने नागरिकों के लिए बड़े पैकेज का ऐलान किया है। बता दें कि लैटिन अमेरिकी देश चिली में मेट्रो किराए में वृद्धि के विरोध में हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है। चिली सरकार के लिए यह बड़ा संकट है। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए अब सरकार ने एक नई योजना पेश की थी। चिली सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से प्रदर्शनकारी मान जाएंगे।
योजना का ऐलान करते हुए राष्ट्रपति पिनेरो ने कहा कि जल्द ही नागरिकों के बुनियादी पेंशन को 20 फीसद की वृद्धि की जाएगी। इसके साथ बिजली पर शुल्क मुक्त करने का भी ऐलान किया है। इसके साथ चिकित्सा क्षेत्र में भी एक पैकेज का ऐलना किया गया है। इस स्कीम से लोगों का इलाज सस्ता होगा।