बैकफुट पर चिली के राष्ट्रपति, प्रदर्शन के दौरान पुलिस के रवैए की निंदा की
पिनेरा ने पहली बार आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। पिनेरो ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की है।
सैंटियागो, एजेंसी। राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने पहली बार चिली में हुए हिंसक आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। राष्ट्रपति पिनेरो ने आंदोलन के दौरान पुलिस के रवैए की कठोर निंदा की। राष्ट्रपति ने रविवार को एक भाषण में कहा कि इस हिंसक आंदोलन में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। इस इस झड़प में दो हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच कई बार झड़पें हुईं हैं। आंदोलन में पुलिस ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया।
चिली की राजधानी सैंटियागो में
बता दें कि राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने काफी सख्त रुख अपनाया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक टीम चिली की राजधानी सैंटियागो में है।
आंदोलन के दौरान पुलिस की बर्बरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। उधर, चिली के राष्ट्रपति ने कहा है कि आंदोलन के दौरान जिन्होंने ज्यादती और दुर्व्यवहार किया है उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी।
बता दें कि चिली में करीब पांच सप्ताह से राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है। इसका कारण मेट्रो के किराए में इजाफा होना है। शुरुआत में यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था,लेकिन बाद में इस आंदोलनकारियों ने समाज में व्याप्त असमानता एंव भ्रष्टाचार की ओर रुख कर गया। इसे नियंत्रित करने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब दो हजार लोग घायल हैं। आंदोलन के दौरान अधिकांश लोग पुलिस की गोली लगने से घायल हुए हैं।
लैटिन अमेरिका का सबसे स्थिर देश
चिली की गिनती लैटिन अमेरिका का सबसे स्थिर देशों में की जाती है। यहां किराए में वृद्धि की वजह से हो रहे प्रदर्शन को आम जनता के बीच असंतोष के रूप में देखा जाता रहा है। इसके अलावा चिली में अमीर और गरीब के बीच बहुत ज्यादा अंतर है। इसके साथ ही यहां अार्थिक सुधारों की मांग भी उठती रही है। फिलहाल चिली में हो रहे प्रदर्शन बीते कई दशकों के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन है।
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