कैरी लाम ने कहा- चीनी संसद से प्रस्तावित सुरक्षा कानून से हांगकांग की आजादी को खतरा नहीं
कैरी ने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों में ढील दी जाएगी। एक जून से उड़ानें बहाल की जाएंगी। विदेशियों के आने पर रोक रहेगी।
हांगकांग, एपी। हांगकांग की नेता कैरी लाम ने चीन की संसद की ओर से प्रस्तावित नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून से अर्ध स्वायत्त हांगकांग की आजादी और नागरिक अधिकारों को कोई खतरा नहीं होगा। हालांकि इस कानून का बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है।
कानून लागू होने पर चीन के खिलाफ कुछ भी बोलना अपराध माना जाएगा
आलोचकों का कहना है कि हांगकांग में यह कानून लागू होने पर चीन के खिलाफ कुछ भी बोलना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। इसके लिए कड़े दंड का प्रावधान होगा। हांगकांग में विदेशी गतिविधियां भी सीमित हो जाएंगी।
कैरी ने कहा- हांगकांग पर व्यापक नियंत्रण चाहता है चीन
चीन के नियंत्रण वाले हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, 'हमें चीनी संसद के कदम से चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस कानून को हांगकांग की बड़ी आबादी के व्यापक फायदे के तौर पर देखना चाहिए।' चीन की नाम मात्र की संसद से पारित इस प्रस्ताव को यह संकेत माना जा रहा है कि इस देश की कम्युनिस्ट सरकार हांगकांग पर व्यापक नियंत्रण चाहती है।
चीनी कानून का अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने आलोचना की
हांगकांग में पिछले साल लोकतंत्र के समर्थन में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन देखने को मिले थे। इस कानून का अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत कई देशों ने आलोचना की है। ब्रिटेन ने वर्ष 1997 में इस शर्त के साथ चीन को हांगकांग सौंपा था कि वह इस क्षेत्र की स्वायत्ता के साथ ही यहां के नागरिक, कानूनी और आर्थिक व्यवस्थाओं की आजादी को बरकरार रखेगा।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में ढील
कैरी लाम ने बताया कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों में ढील दी जाएगी। एक जून से उड़ानें बहाल की जाएंगी। विदेशियों के आने पर अभी रोक रहेगी।
इजरायल ने चीन से जुड़ी कंपनी को नहीं दिया ठेका
इजरायल ने देश में पानी साफ करने के सबसे बड़े प्लांट के निर्माण के लिए चीन से जुड़ी कंपनी हचिसन वाटर की जगह स्थानीय आइडीई टेक्नोलॉजी को ठेका दिया है। यह माना जा रहा है कि हांगकांग को लेकर यह कदम उठाया गया है। क्योंकि चीन की संलिप्तता होने पर इजरायल का मुख्य सहयोगी अमेरिका असहज हो सकता था।