चीन में दो कनाडाई नागरिकों की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ा, चीनी समाना का बहिष्कार
दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास तब शुरू हुई जब बीजिंग ने 18 महीने पूर्व कनाडा के पूर्व राजनयिक माइकल कोविग और एक व्यवसायी माइकल स्पॉयर को चीन में गिरफ्तार कर लिया।
टोरंटो, एजेंसी। बीजिंग द्वारा दो कनाडाई नागरिकों को हिरासत में लिए जाने के बाद चीन और कनाडा के बीच विवाद और गहरा गया है। कनाडा के नागरिकों ने चीनी समानों का बहिष्कार किया है। दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास तब शुरू हुई जब, बीजिंग ने 18 महीने पूर्व कनाडा के पूर्व राजनयिक माइकल कोविग और एक व्यवसायी माइकल स्पॉयर को चीन में गिरफ्तार कर लिया। बीजिंग ने दोनों पर जासूसी करने का आरोप लगाया था।
मेंग की हिरासत के बाद बीजिंग ने की बदले की कार्रवाई
दरअसल, चीन में हुआवेई के संस्थापक और सीईओ रेन झेंगफेई की बेटी मेंग को 1 दिसंबर, 2018 को अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर वैंकूवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें तब गिरफ्तार किया गया, जब वह मैक्सिको के रास्ते हांगकांग की यात्रा कर रहींं थींं। मेंग ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ थीं। मेंग की हिरासत के बाद बीजिंग ने बदले की कार्रवाई करते हुए कनाडाई नागरिक कोविग और एक व्यवसायी माइकल स्पॉयर को गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के बीच संबंध काफी कटु हो गए। इस घटना को लेकर कनाडा में चीन के प्रति काफी आक्रोश है।
चीन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को को खतरे में डाला
उधर, चीनी अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों ने चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को को खतरे में डाला है। चीन ने कनाडाई नागरिकों पर जासूसी के आरोप लगाए हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कोविग और स्पॉयर पर जासूसी के आरोप में 18 महीने से अधिक समय से हिरासत में रखा है। बता दें कि चीन में जासूसी एक बड़ा अपराध है। चीन का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित नहीं है। बीजिंग का कहना है कि यहां न्यायिक प्रणाली स्वतंत्रत है।
कनाडा में भारतीय समुदाय के लोगों ने किया विरोध
एक सप्ताह पूर्व कनाडा में चीन के खिलाफ भारतीय नागरिकों ने प्रदर्शन किया। यहां वैंकूवर में चीनी वाणिज्य दूतावास कार्यालय के बाहर भारत समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने हाथों में 'स्टोप किलिंग पीपल इन इंडिया', 'बैक ऑफ चाइना' और 'डोंट थ्रेटन' जैसे होर्डिंग्स लिए नजर आए। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने हाथ में भारत का झंड़ा भी पकड़ा हुआ था।