ब्रिटेन: सीएए पर हाउस ऑफ लॉर्ड्स में चर्चा, जताई चिंता
ब्रिटेन के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारत में नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे बवाल पर चिंता जाहिर की गई है।
लंदन, पीटीआइ। ब्रिटेन के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर चर्चा की गई। चर्चा में कानून के प्रभाव से पैदा हालात पर चिंता जताई गई और ब्रिटिश सरकार से कहा गया कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सदन की सोच से भारत सरकार को अवगत कराए।
सदन में चर्चा का प्रस्ताव सांसद जॉन मॉन्टेगू ने रखा था। इसमें कहा गया कि ब्रिटिश सरकार प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध करे कि वह सीएए के प्रावधानों और उसके प्रभावों पर पुनर्विचार करें। आवश्यक समझने पर उसमें बदलाव करें जिससे हालात में सुधार हो सके। सदन में चर्चा के दौरान भारत के अंदरूनी हालात पर चिंता जताई गई और इसके चलते हो रही मौतों पर दुख व्यक्त किया गया।
भारतीय मल के लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि यह कहा जाता है कि यह कानून असंवैधानिक है, लेकिन हम नहीं जानते क्योंकि अभी तक भारत के उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं की गई है। लोग कह रहा हैं कि सीएए को बस इसलिए पारित किया गया है कि ताकि संदिग्ध कागजों के साथ आए लोगों को आसानी सा बसाया जा सके। बाकी लोग ऐसा नहीं कर पाए। ऐसा अब तक नहीं हुआ ये बस मान लिया गया डर है।
इसी के साथ भारतीय मूल के ही लॉर्ड राज लूम्बा ने कहा कि भारत सरकार के बार-बार स्पष्ट किया है कि नागरिकता संशोधन कानून ऐसे लोगों को एकबारगी के आधार पर नागरिकता प्रदान करने के लिए है जिनके पास बाकी दूसरा कोई ऑप्शन नहीं होता है। ये कानून किसी की नागरिकता छिनने के लिए नहीं है। वहीं, लॉर्ड इंद्रजीत सिंह ने चेतावनी दी है कि नया कानून मुस्लमानों के खिलाफ भेदभाव का कानूनी रास्ता तैयार कर सकता है।
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