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कोलंबिया के ड्रग तस्करों के लिए काल बना 'सोंब्रा', 2 साल में पकड़ा 68 करोड़ का माल

कुत्‍ते से परेशान हो कोलंबिया के ड्रग तस्‍करों ने इसके सिर पर ईनाम रख दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 04:10 PM (IST)
कोलंबिया के ड्रग तस्करों के लिए काल बना 'सोंब्रा', 2 साल में पकड़ा 68 करोड़ का माल
कोलंबिया के ड्रग तस्करों के लिए काल बना 'सोंब्रा', 2 साल में पकड़ा 68 करोड़ का माल

बोगोटा (एपी)। ड्रग तस्करी के भंडार कोलंबिया में एक 6 साल के कुत्ते सोंब्रा का पता लगाने या पकड़कर लाने वाले को 7000 डॉलर का ईनाम दिया जाएगा। जी हां, कोलंबिया के ड्रग तस्‍करों का जीना हराम कर देने वाले जर्मन शेफर्ड प्रजाति के सोंब्रा ने यहां की पुलिस को सूटकेस, नावों और फलों के शिपमेंट के जरिए हो रही तस्‍करी में कोकीन का पता लगाने में मदद की है। लेकिन अपनी इस गुण के चलते आजकल वह कोलंबिया के पावरफुल ड्रग गैंग के निशाने पर है।

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सोंब्रा को लेकर अलर्ट है कोलंबिया पुलिस
कोलंबिया पुलिस ने हाल में ही बताया कि ड्रग तस्करों के गिरोह की ओर से सोंब्रा को पकड़ने या इसका पता लगाने वाले को 7,000 डॉलर यानि लगभग 50,000 रुपये का ईनाम देने का ऐलान किया है। इसके बाद वहां की पुलिस सोंब्रा को लेकर सतर्क हो गई है और उसके लिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। 6 घंटे की शिफ्ट पूरा करने के बाद सोंब्रा को वैन में भेजा गया। आमतौर पर उसके साथ दो सशस्‍त्र गार्ड होते हैं। ऑफिसर जोस रोजस ने बताया, ‘उसकी सुरक्षा की जिम्‍मेवारी हमारी है।’

ड्रग तस्करों के बीच सोंब्रा का खौफ
सोंब्रा नामक यह कुत्ता कोलंबिया के पुलिस विभाग में काम करता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस कुत्ते की मदद से कोलंबिया पुलिस ने अभी तक 245 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। सोंब्रा की ड्यूटी दो बड़े एयरपोर्ट पर लगाई गई है| जहां पर इसने 2 साल में करीब 68 करोड़ रुपये का ड्रग पकड़वाने में मदद की है।

कोलंबिया में नार्कोटिक्‍स के खेल को खत्म करने में पुलिस विभाग में सूंघने की विशेष क्षमता वाले ये कुत्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोलंबिया से पूरी दुनियाभर में ड्रग तस्करी होती हैं और यह ड्रग कारोबार के लिए जाना जाता है। यहां पर सालों से ड्रग तस्कर अपना-अपना कारोबार जमाए बैठे हैं। जिसमें अब सोंब्रा की वजह से बाधा आ रही है। सोंब्रा के हैंडलर रोजस ने बताया कि जब भी वह पुलिस की मदद करती है तो उसे ईनाम में बॉल दिया जाता है।


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