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DATA STORY: जानें, रक्षा जरूरतों पर GDP का कितना खर्च करते हैं भारत समेत दुनिया के बड़े देश

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार (1990-2019) खरीदता है। हथियार खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर चीन है और उसके बाद सऊदी अरब है। वहीं हथियारों के निर्यात के मामले में भारत 38वें नंबर है। भारत से म्यांमार श्रीलंका और मॉरीशस जैसे मुल्क हथियार खरीदते है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:16 PM (IST)
DATA STORY: जानें, रक्षा जरूरतों पर GDP का कितना खर्च करते हैं भारत समेत दुनिया के बड़े देश
2019 में चीन और भारत का सैन्य खर्च एशिया में सबसे अधिक रहा।

नई दिल्ली, जेएनएन। किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सैन्य शक्ति से लगाया जाता है। दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति अक्सर अपनी सेना और रक्षा मामलों पर अधिक खर्च करती है। दुनिया के देशों के सैन्य खर्चों पर नज़र रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें आप जान सकते हैं कि शक्तिशाली मुल्क अपनी सैन्य शक्ति और साजो-सामान पर कितना खर्च करते हैं।

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सिपरी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी जीडीपी का 2.4 फीसद सैन्य बजट पर खर्च करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में कुल सैन्य खर्च 3.6 फीसद बढ़ा है। यह 1988 से अब तक अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच चुका है। सऊदी अरब अपनी जीडीपी का आठ फीसदी सैन्य बजट पर खर्च करता है। हालांकि बीते साल के मुकाबले सऊदी अरब ने अपने सैन्य खर्च में कमी की है। सऊदी अरब ने सैन्य शक्ति पर कुल 61.9 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं। वहीं अमेरिका के सैन्य खर्च में 2010 से 2017 में कमी आई, लेकिन 2018 और 2019 में इसमें बढ़ोतरी हुई। अमेरिका का कुल सैन्य खर्च 732 बिलियन डॉलर है, जो सूची में नीचे दिए दस देशों के कुल संयुक्त खर्च के बराबर है। इतना अधिक खर्च करने के बाद भी यह अमेरिका की जीडीपी का 3.4 प्रतिशत है। रूस ने आर्म्ड फोर्सेज के खर्चों में बढ़ोतरी की है। रूस की बढ़ोतरी 3.9 फीसद है, जबकि जर्मनी की 1.3 प्रतिशत है।

2019 में चीन और भारत का सैन्य खर्च एशिया में सबसे अधिक रहा। दुनिया में सैन्य खर्च के मामले में ये दोनों देश क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर है। चीन का सैन्य खर्च 2019 में 261 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2018 के मुकाबले इसमें 5.1 फीसद की बढ़ोतरी हुई। चीन ने लगातार 25वीं बार अपने सैन्य खर्च में वृद्धि की है। भारत का 2019 में सैन्य खर्च बढ़कर 71.1 बिलियन डॉलर हो गया, जिसमें 2018 के बनिस्पत 6.8 फीसद की वृद्धि हुई। 2015-2019 में भारत ने डेनमार्क से स्कांटर-6000 राडार, इमब्रेरर ईआरजे-145 जेट ब्राजील, एसीटीएएस सोनार सिस्टम जर्मनी, सुपर रैपिड 76 एमएम नेवल गन इटली और के-9 थंडर 155 एमएम आर्टिलरी गन साउथ कोरिया से खरीदी है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत, फ्रांस और रूस के लड़ाकू विमान, इजराइल के गाइडेड बम और स्वीडन की आर्टिलरी का इस्तेमाल करता है।

सबसे अधिक हथियार खरीदता है भारत

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार (1990-2019) खरीदता है। हथियार खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर चीन है और उसके बाद सऊदी अरब है। वहीं हथियारों के निर्यात के मामले में भारत 38वें नंबर है। भारत से म्यांमार, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे मुल्क हथियार खरीदते है। वहीं अमेरिका दुनिया को सबसे अधिक हथियार सप्लाई करता है। वहीं हथियारों के निर्यात के मामले में रूस दूसरे नंबर पर है। दुनियाभर में अमेरिका की हथियारों के निर्यात के मामले में 36 फीसद की हिस्सेदारी है। 2015 से 2019 के दौरान अमेरिका ने 96 देशों को हथियार भेजे। अमेरिका के आधे से अधिक हथियारों का निर्यात मध्य एशिया और खाड़ी देशों को हुआ।  


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