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विद्या देवी भंडारी दूसरे कार्यकाल के लिए नेपाल की राष्ट्रपति चुनी गईं

विद्यादेवी भंडारी नेपाल की दूसरी तथा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 08:08 PM (IST)
विद्या देवी भंडारी दूसरे कार्यकाल के लिए नेपाल की राष्ट्रपति चुनी गईं
विद्या देवी भंडारी दूसरे कार्यकाल के लिए नेपाल की राष्ट्रपति चुनी गईं

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (56) को दूसरी बार राष्ट्रपति चुन लिया गया है। पहली बार 2015 में उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला था। मंगलवार को हुए चुनाव में भंडारी ने नेपाली कांग्रेस की नेता कुमारी लक्ष्मी राय को 27,545 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। भंडारी और राय को क्रमश: 39,275 और 11,730 वोट मिले थे।

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वर्तमान राष्ट्रपति को सत्तारुढ़ वाम गठबंधन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल -यूनिफाइड मार्कसिस्ट- लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और सीपीएन (माओवादी) के साथ संघीय समाजवादी फोरम-नेपाल और कई अन्य छोटी पार्टियों ने भी समर्थन दिया था। निर्वाचन आयोग ने चुनाव होने के तुरंत बाद ही वोटों की गिनती शुरू कर दी। नेपाल के मुख्य न्यायधीश बुधवार को भंडारी को शपथ दिलाएंगे।

मालूम हो कि नेपाल के राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल के लिए होता है। कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो बार के लिए इस पद पर आसीन हो सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में सांसद के साथ प्रांतीय विधानसभा के सदस्य भी भाग लेते हैं। सांसदों का वोट 79 के बराबर और विधानसभा के सदस्यों का वोट 48 के बराबर माना जाता है।

विद्या देवी भंडारी नेपाल की दूसरी तथा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं। वे भूतपूर्व नेपाली राजनीतिज्ञ तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल की नेता रह चुकी हैं। विद्या देवी नेपाल रक्षा मंत्रालय में पूर्व रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं।

विद्या भंडारी का जन्म 19 जून 1961 को नेपाल के भोजपुर में राम बहादुर पांडे और मिथिला पांडे के वहां हुआ था। वह कम उम्र में छात्र राजनीति में शामिल हो गयीं। ये अपने समय के एक करिश्माई और प्रभावशाली नेता के रूप में विख्यात कम्युनिस्ट नेता मदन भंडारी की पत्नी हैं। हालांकि 1993 में एक सड़क दुर्घटना में इनके पति के असामयिक निधन के बाद ये सुर्खियों में आयीं।

विद्या 1994 और 1999 में क्रमश: तत्कालीन प्रधानमंत्री कृष्ण प्रसाद भट्टाराई और दमनाथ ढूंगना को संसदीय चुनाव में हराने के बाद दो बार चुनी गयीं।। हालांकि, 2008 में संविधान सभा चुनाव के दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वह माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व में रक्षा मंत्री पद के लिए चुनी गयीं। 2013 में दूसरी संविधान सभा के चुनावों में आनुपातिक चुनाव प्रणाली के तहत इन्हें चुना गया।

भंडारी ने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में प्रवेश किया।1994 और 1999 में संसदीय चुनावों में निर्वाचित हुईं।माधव कुमार नेपाल के मंत्रिमंडल में यह रक्षा मंत्री बनीं। यह माना जाता है कि भंडारी पार्टी और प्रधानमंत्री के पी ओली की विश्वासपात्र हैं।

इनका विवाह नेपाल के साम्यवादी दल के महासचिव व वामपंथी नेता मदन भंडारी से हुआ था। मदन भंडारी की सड़क -दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी।

काठमांडू में संसदीय सभा द्वारा विद्या, 214 के मुकाबले 327 मतों से विजयी होकर नेपाल के इतिहास में प्रथम महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं थीं। नवनिर्वाचित संसद के 597 में से सिर्फ 549 सदस्यों ने ही मताधिकार का प्रयोग किया जबकि 48 अनुपस्थित रहे। कुल पड़े 549 मतों में से 8 को अवैध घोषित किया गया। सत्ताधारी सीपीएम-यूएमएल के अलावा विद्या को राष्ट्रीय प्रजातंत्र दल, यूसीपीएन (माओवादी), मधेशी जनाधिकार फोरम लोकतांत्रिक समेत कई अन्य दलों ने समर्थन दिया जबकि विपक्षी नेपाली कांग्रेस के कुल बहादुर गुरुंग इतना समर्थन नहीं जुटा सके।


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