बांग्लादेश में 19 साल पुराने बम धमाके के मामले में दस को मौत की सजा
ढाका की अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त 13 दोषियों में से सिर्फ चार मौजूद थे। मौत की सजा पाए छह अन्य दोषी अब भी फरार हैं।
ढाका, आइएएनएस।बांग्लादेश की एक अदालत ने सोमवार को प्रतिबंधित आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी (हूजी) के दस सदस्यों को मौत की सजा सुनाई। उन्हें 2001 में एक राजनीतिक रैली में विस्फोट का दोषी पाया गया। ढाका की अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त 13 दोषियों में से सिर्फ चार मौजूद थे। मौत की सजा पाए छह अन्य दोषी अब भी फरार हैं। मामले में आरोपित दो अन्य लोगों को बरी कर दिया गया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा, दोषियों ने देश में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने और लोकतंत्र समर्थक ताकतों को खत्म करने के लिए हत्याओं को अंजाम दिया। किसी को भी धर्म के नाम पर इस तरह के जघन्य कृत्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
क्या था मामला
20 जनवरी, 2001 को ढाका के पलटन मैदान में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश (सीपीबी) की रैली में हुए बम विस्फोट में दस लोगों की मौत हो गई थी। 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बाद में सीपीबी के तत्कालीन अध्यक्ष मंजरुल अहसान खान ने इस घटना के संबंध में अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कराया था।
पहले ही फांसी चढ़ाया जा चुका है मुख्य दोषी
इस वारदात के मुख्य दोषी और आतंकी संगठन हूजी के प्रमुख अब्दुल हन्नान को एक अन्य मामले में पहले ही फांसी पर चढ़ाया जा चुका है। हन्नान को 12 अप्रैल, 2017 को सिलहट में पूर्व ब्रिटिश राजदूत अनवर चौधरी पर ग्रेनेड हमले के मामले में मौत की सजा हुई थी।
2014 में तय किए गए थे आरोप
जांच अधिकारी सीआइडी इंस्पेक्टर मृणाल कांति साहा ने 27 नवंबर, 2013 को ढाका के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दो चार्जशीट पेश की थीं। इसके बाद चार सितंबर 2014 को कोर्ट ने आतंकी संगठन से जुड़े 13 सदस्यों के खिलाफ आरोप तय किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने एक दिसंबर 2019 को फैसला सुनाने के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की थी।