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    बांग्लादेश में घोंटा जा रहा लोकतंत्र का गला, पिछले 10 महीनों में 3000 से ज्यादा अवामी लीग कार्यकर्ता गिरफ्तार

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 02:00 AM (IST)

    बांग्लादेश में लोकतंत्र का जमकर मजाक बनाया जा रहा है। स्थानीय मीडिया ने शनिवार को बताया कि पिछले 10 महीनों में बांग्लादेश पुलिस ने अवामीलीग और उसके सहयोगी संगठनों के 3,000 से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं को ढाका में अचानक जुलूस निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

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    बांग्लादेश में चुनाव नजदीक आने के साथ बढ़े प्रदर्शन (फोटो- रॉयटर)

    आईएएनएस, ढाका। बांग्लादेश में लोकतंत्र का जमकर मजाक बनाया जा रहा है। स्थानीय मीडिया ने शनिवार को बताया कि पिछले 10 महीनों में बांग्लादेश पुलिस ने अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के 3,000 से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं को ढाका में अचानक जुलूस निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

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    राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के उपायुक्त तालेबुर रहमान ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। बांग्लादेश में चुनाव नजदीक आने के साथ, राजनीतिक गतिविधियां स्वाभाविक रूप से तेज होंगी। हालांकि, जनता की चिंता का कोई कारण नहीं है। हम इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं।

    बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक प्रथम अलो ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा कि हम सतर्क हैं और किसी भी विध्वंसक गतिविधि को विफल करने की क्षमता रखते हैं।

    यह ब्रीफिंग शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न हिस्सों में आयोजित कई अचानक जुलूसों से 46 अवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद आयोजित की गई थी।

    ये ताजा घटनाक्रम मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत अवामी लीग नेताओं और पार्टी समर्थकों पर चल रही कार्रवाई के बीच सामने आए हैं।

    पिछले हफ्ते, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने राजधानी के विभिन्न हिस्सों में अचानक जुलूस निकालने के आरोप में अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के कम से कम 131 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।

     

    इस घटना के बाद, बांग्लादेश की अवामी लीग ने अपने शांतिपूर्ण जुलूस पर देश की पुलिस और राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए संयुक्त हमलों और भीड़ की हिंसा की कड़ी निंदा की, साथ ही अपने नेताओं औरकार्यकर्ताओं की अंधाधुंध गिरफ़्तारियों की निंदा की।