बांग्लादेेश: दस लाख रोहिंग्या शरणार्थियों की मोबाइल सेवाएं बदं करने का आदेश
बीटीआरसी के प्रवक्ता जाकिर हुसैन खान ने कहा कि दूरसंचार ऑपरेटरों के पास शिविरों में नेटवर्क बंद करने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है।
By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 12:42 PM (IST)
ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश ने सोमवार को देश के दक्षिण पूर्व में शिविरों में रहे रहे लगभग दस लाख रोहिंग्या शरणार्थियों की मोबाइल सेवाएं बदं करने का आदेश दिया है। इन शिविरों में कुछ सप्ताह हिंसात्मक घटनाएं हुई थी। इसके बाद इन पर सेना ने कहर बरपाया था।
बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग बीटीआरसी के प्रवक्ता जाकिर हुसैन खान ने कहा कि दूरसंचार ऑपरेटरों के पास शिविरों में नेटवर्क बंद करने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है। उन्होंने कहा कि कई शरणार्थी शिविरों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हुसैन ने कहा कि हमने ऑपरेटरों से इसे बंद करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुरक्षा कारणों से मोबाइल नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाया है।
एक रोहिंग्या के नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि इस प्रतिबंध से रोहिंग्या जीवन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि हम म्यांमार या दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के साथ अब संपर्क नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा हमारा पैसे का लेनदेन भी मोबाइल से हाेता था, लेकिन अब बाधित होगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब रोहिंग्या इलाके में मोबाइल सेवा पर प्रतिबंध लगाया गया हो। इसके पूर्व में भी इस तरह का प्रतिबंध लग चुका है। लेकिन इस बार इसे सख्ती से लागू करने को कहा गया है।
उधर, पुलिस प्रवक्ता इकबाल हुसैन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा हकि शरणार्थी म्यांमार से करोड़ों डॉलर मूल्य की मेथम्फेटामाइन गोलियाें की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मोबाइल फोन का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला इनके इस क्रियाकलापों पर लगाम लगाने में प्रभावशाली साबित होगा।
बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग बीटीआरसी के प्रवक्ता जाकिर हुसैन खान ने कहा कि दूरसंचार ऑपरेटरों के पास शिविरों में नेटवर्क बंद करने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है। उन्होंने कहा कि कई शरणार्थी शिविरों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हुसैन ने कहा कि हमने ऑपरेटरों से इसे बंद करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुरक्षा कारणों से मोबाइल नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाया है।
एक रोहिंग्या के नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि इस प्रतिबंध से रोहिंग्या जीवन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि हम म्यांमार या दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के साथ अब संपर्क नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा हमारा पैसे का लेनदेन भी मोबाइल से हाेता था, लेकिन अब बाधित होगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब रोहिंग्या इलाके में मोबाइल सेवा पर प्रतिबंध लगाया गया हो। इसके पूर्व में भी इस तरह का प्रतिबंध लग चुका है। लेकिन इस बार इसे सख्ती से लागू करने को कहा गया है।
उधर, पुलिस प्रवक्ता इकबाल हुसैन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा हकि शरणार्थी म्यांमार से करोड़ों डॉलर मूल्य की मेथम्फेटामाइन गोलियाें की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मोबाइल फोन का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला इनके इस क्रियाकलापों पर लगाम लगाने में प्रभावशाली साबित होगा।
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