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    बांग्लादेश में चुनाव से पहले दिखा बड़ा फेरबदल, छात्र-नेतृत्व वाली नई पार्टी ने जमात की शाखा से किया गठजोड़

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 01:06 AM (IST)

    बांग्लादेश में आगामी चुनावों से पहले, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने जमात-ए-इस्लामी की शाखा के साथ मिलकर 'गोनोतांत्रिक संस्कार जोट' नामक गठबंधन बनाया ...और पढ़ें

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    बांग्लादेश में चुनाव से पहले दिखा बड़ा फेरबदल। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में अगले वर्ष फरवरी में होने वाले आम चुनावों से पहले नवगठित छात्र-नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने रविवार को जमात-ए-इस्लामी की एक शाखा और एक अन्य प्रेशर ग्रुप के साथ मिलकर 'गोनोतांत्रिक संस्कार जोट' नामक गठबंधन बनाया।

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    अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रोत्साहन से इस वर्ष फरवरी में गठित एनसीपी, स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्कि्रमिनेशन (एसएडी) का एक राजनीतिक संगठन है, जिसने पिछले साल देशव्यापी हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था। इसके परिणामस्वरूप 5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।

    'ये बांग्लादेश के निर्माण के लिए गठबंधन'

    एनसीपी ने दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी की शाखा आमार बांग्लादेश पार्टी और राष्ट्र संस्कार आंदोलन के साथ गठबंधन किया है। एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, ''हमारे गठबंधन को 'गोनोतांत्रिक संस्कार जोट' कहा जाएगा।'' उन्होंने आगे कहा कि यह ''दो साल से ज्यादा के दीर्घकालिक प्रयासों'' का नतीजा है। इस्लाम ने कहा कि आगामी चुनाव केवल एक साधारण चुनाव नहीं होंगे, बल्कि ''यह राजनीतिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति के लिए होगा'' और गठबंधन ''एक नए बांग्लादेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।''

    गौरतलब है कि इस्लाम सहित तीन छात्र नेता उस सलाहकार परिषद का हिस्सा थे जिसे यूनुस ने हसीना के अपदस्थ होने के तीन दिन बाद 8 अगस्त, 2024 को मुख्य सलाहकार का पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद गठित किया था। हालांकि, इस्लाम ने एनसीपी के गठन की व्यवस्था करने के लिए अपना पद छोड़ दिया।

    2020 में गठित आमार बांग्लादेश पार्टी वैचारिक आधार पर जमात-ए-इस्लामी से अलग हो गई। बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने फरवरी में होने वाले चुनावों पर नजर गड़ाए हुए समान विचारधारा वाले राजनीतिक संगठनों के बीच एकता बनाने के अपने प्रयासों के तहत हाल ही में आठ इस्लामी दलों का गठबंधन बनाया।