Move to Jagran APP

अजरबैजान नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे के लिए अधिक विनाशकारी हथियारों का कर रहा इस्तेमाल

आर्मेनिया ने कहा कि अब वो भी अजरबैजान पर हमले के लिए अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य बड़े हथियारों का इस्तेमाल करेगा। अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके एक जेट को एक तुर्की एफ -16 ने तबाह कर दिया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 01:56 PM (IST)
अजरबैजान नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे के लिए अधिक विनाशकारी हथियारों का कर रहा इस्तेमाल
अजरबैजान की ओर से लंबी दूरी के घातक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा। (फाइल फोटो)

मॉस्को, एनवाइटी। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे को लेकर जबरदस्त युद्ध चल रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर जीत हासिल करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आर्मेनिया ने मंगलवार को कहा कि अजरबैजान नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जा करने के लिए लंबी दूरी और अधिक विनाशकारी प्रकार के तोपखाने का उपयोग कर रहा है। 

loksabha election banner

आर्मेनिया ने कहा कि अब वो भी अजरबैजान पर हमले के लिए अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य बड़े हथियारों का इस्तेमाल करेगा। उसने ऐसे हथियार तैनात करने की भी धमकी दी है। अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके एक जेट को एक तुर्की एफ -16 ने तबाह कर दिया है। एक प्रवक्ता ने कहा कि तुर्की के विमान ने अजरबैजान में उड़ान भरी थी, अजरबैजान ने इसे अर्मेनिया में उड़ाया था। अर्मेनिया के बचाव दल ने इस विमान को देख लिया, फिर सैन्य हवाई जहाज ने इसे गोली मारकर नष्ट कर दिया। 

हालांकि अजरबैजान और तुर्की ने इस तरह से किसी विमान को नष्ट करने से इनकार कर रहे हैं। विमानों या अजरबैजानी तोपखाने बैराज के बारे में अर्मेनियाई दावों की पुष्टि करना तुरंत संभव नहीं था। अर्मनिया और अजरबैजान ने बीते रविवार को नागोर्नो-काराबाख इलाके में अपना कब्जा जमाने के लिए लड़ाई शुरू की थी। साथ ही इस लड़ाई में रूस और तुर्की ने दो प्रमुख शक्तियों को खींचने की धमकी भी दी थी। 

लड़ाई के पहले ही दिन 21 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद से रोजाना इसमें इजाफा होता जा रहा है। अब तक 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। अभी तक दुनिया भर की सरकारें कोरोना महामारी से बचाव के उपाय करने में लगी हुई थी। अब उस पर रोक के बाद यहां युद्ध शुरू हो गया है।

अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अज़रबैजान ने दो शक्तिशाली सोवियत निर्मित रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम से गोलीबारी शुरू कर दी है। इसके जवाब में, अर्मेनियाई सेना ने धमकी दी कि वह इसका तगड़ा जवाब देगा। आर्मेनिया की रूस के साथ आपसी रक्षा संधि है। आर्मेनिया और अजरबैजान ने 1990 के दशक की शुरुआत में नागोर्नो-करबाख पर युद्ध लड़ा, उस समय संघर्ष विराम हुआ था मगर कोई समझौता नहीं हो पाया था। अब फिर से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।

तीन दशक पहले युद्ध में नागोर्नो-करबाख से लगभग 600,000 अज़रबैजानियों को निकाला गया था। लेकिन नागोर्नो-करबाख में आबादी वाले क्षेत्रों में भी गोलाबारी हुई है। आर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ने एक दूसरे के देशों में रणनीतिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने की धमकी दी है, जैसे कि युद्ध या बिजली संयंत्र, अगर युद्ध हुआ। रूसी-निर्मित टॉरनेडो, या सार्मच, रॉकेट लांचर, जिसे आर्मेनिया ने मंगलवार को अजरबैजान पर तैनात करने का आरोप लगाया, उदाहरण के लिए, 50 मील से अधिक की रेंज है, जो आर्मेनिया में अच्छी तरह से पहुंचने के लिए पर्याप्त है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.