आयतुल्ला खुमैनी ने दिया था इस्लामिक क्रांति को धोखा : ईरान के पहले राष्ट्रपति
ईरान के पहले राष्ट्रपति अबोलहसन बानी-सदर ने कहा कि जीत की खुशी के साथ जो लोग उनके साथ तेहरान लौटे उनका बड़ा कड़वा अनुभव है।
By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 12:58 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 12:58 AM (IST)
वर्सेलेस (फ्रांस), रायटर। आयतुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी ने 1979 में सत्ता में आने के बाद ईरानी क्रांति को धोखा दिया था। ईरान के पहले राष्ट्रपति अबोलहसन बानी-सदर ने कहा कि जीत की खुशी के साथ जो लोग उनके साथ तेहरान लौटे उनका बड़ा कड़वा अनुभव है। तेहरान के मुल्ला शासकों के वह धुर विरोधी हैं। सत्ता से बाहर किए जाने के बाद वह 1981 में विदेश भाग निकले।
अबोलहसन ने याद किया कि किस तरह 40 साल पहले पेरिस में उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि शाह के शासन के बाद धार्मिक नेताओं की इस्लामिक क्रांति किस तरह लोकतंत्र और मानवाधिकार की राह प्रशस्त करेगी।
पेरिस के बाहर वर्सेलेस में स्थित आवास में अबोलहसन ने कहा, 'जब हम फ्रांस में हैं तो हमने उनसे जो कहा है उससे वह लज्जित होंगे और उसके बाद इसे कुरान की आयत की तहर बिना किसी हिचकिचाहट के घोषित कर देंगे।' 85 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति 1981 से यहीं रह रहे हैं।
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