ऑस्ट्रेलिया ने भी 'यरुशलम' को माना इजरायल की राजधानी, जानिए- क्या है विवाद की वजह?
इजरायल पूरे यरुशलम को राजधानी बताता है। वहीं फिलिस्तीनी पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी बताता है।
सिडनी, जेएनएन। यरुशलम को ऑस्ट्रेलिया ने भी इजरायल की राजधानी मान लिया है। ऑस्ट्रेलिया ने पश्चिमी यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शनिवार को इसकी घोषणा की, हालांकि उनका दूतावास अभी तेल अवीव में ही रहेगा।
ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि तेल अवीव से दूतावास को तब तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, जब तक कोई शांति समझौता नहीं हो जाता। इस तरह ऑस्ट्रेलिया उन कुछ देशों शामिल हो गया है, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राह पर पश्चिमी यरुशलम को इजरायल की राजधानी का दर्जा दिया है।
गौरतलब है कि यरुशलम को इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ही अपनी राजधानी बताते हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने साथ में यह भी प्रतिबद्धता जताई कि वह भविष्य में पूर्वी यरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम एशिया में उदार लोकतंत्र का समर्थन करना ऑस्ट्रेलिया के हित में हैं। साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए कहा कि उस जगह पर इजरायल को तंग किया गया।
जानिए विवाद की वजह क्या?
इजरायल पूरे यरुशलम को राजधानी बताता है। वहीं फिलिस्तीनी पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी बताता है। इस इलाके को इजरायल ने 1967 में कब्जे में ले लिया था। यरुशलम में यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों धर्मों के पवित्र स्थल हैं।टेंपल माउंट यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल है, वहीं अल-अक्सा मस्जिद को मुसलमान पाक मानते हैं। विवाद के कारण यरुशलम में किसी भी देश का दूतावास नहीं है। संयुक्त राष्ट और दुनिया के ज्यादातर देश पूरे यरुशलम पर इजरायल के दावे को मान्यता नहीं देते। 1948 में इजरायल ने आजादी की घोषणा की थी। 86 देशों के दूतावास तेल अवीव में हैं।