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पिच ब्लैक युद्धाभ्यास का मेजबान बना ऑस्ट्रेलिया, पहली बार भाग ले रही भारतीय वायुसेना

पिच ब्लैक अभ्यास में भारत पहली बार भाग ले रहा है। भारत अपना लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के अलावा हक्र्यूलस और ग्लोब मास्टर विमानों को भी उतार रहा है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 11:29 AM (IST)
पिच ब्लैक युद्धाभ्यास का मेजबान बना ऑस्ट्रेलिया, पहली बार भाग ले रही भारतीय वायुसेना
पिच ब्लैक युद्धाभ्यास का मेजबान बना ऑस्ट्रेलिया, पहली बार भाग ले रही भारतीय वायुसेना

मेलबर्न (रॉयटर्स)। ऑस्ट्रेलिया ने एशिया-प्रशांत के सबसे बड़े वायुसेना अभ्यास 'पिच ब्लैक-2018' की मेजबानी कर रहा है। इस अभ्यास में भारत सहित 16 देशों भाग ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की उत्तरी तट रेखा पर शनिवार को आसमान में इन 16 देशों के सर्वश्रेष्ठ पायलटों ने अपने विमानों के साथ उड़ान भरी। पिच ब्लैक प्रशिक्षण में रात की उड़ान और हवाई रिफ्यूलिंग शामिल है। यह अभ्यास विभिन्न देशों को एक दूसरे से सीखने का मौका देता है और साथ ही दुनिया के सबसे बड़े प्रशिक्षण हवाई क्षेत्रों में से एक का उपयोग करके अपने बल एकीकरण में सुधार करने का मौका देता है।

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बता दें कि आस्ट्रेलिया की वायुसेना द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय वायुसैनिक अभ्यास पिच ब्लैक-2018 में भारत पहली बार भाग ले रहा है। 24 जुलाई से 18 अगस्त तक आयोजित होने वाले इस वायुसैनिक अभ्यास में भारत अपना लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआइ के अलावा हक्र्यूलस और ग्लोब मास्टर विमानों को भी उतार रहा है। हर दो साल में आयोजित होने वाले इस बहुराष्ट्रीय वायुसैनिक अभ्यास में दुनिया भर की दर्जन से अधिक वायुसेना भाग ले रही हैं। इस अभ्यास में भारत के अलावा आस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड की वायुसेना शामिल हो रही हैं।

वायुसैनिक अभ्यास में भारत अपना लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के अलावा हक्र्यूलस और ग्लोब मास्टर विमानों को भी उतार रहा है। युद्धाभ्यास में भाग लेने जा रही भारतीय सैन्य टुकड़ी में 145 हवाई योद्धा होंगे जिसमें वायुसेना की गरुड़ कंमाडो टीम भी शामिल होगी।

इस अभ्यास में भाग ले रहे वायुसेना के चार सुखोई-30 एमकेआई विमानों के अलावा एक सी-130 हक्र्यूलस और एक सी-17 ग्लोब मास्टर विमान आस्ट्रेलिया के लिये रवाना हुए है।अभ्यास में भाग ले रही भारतीय टीम की अगुवाई गु्रप कैप्टन सीयूवी राव कर रहे हैं। आसमानी युद्ध का अभ्यास एक नियंत्रित माहौल में आयोजित होगा और इस दौरान विभिन्न वायु सेनाएं एक दूसरे की प्रक्रियाओं से सीखेंगे और इसे साझा करेंगी। इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना की समाघात रणनीति को अधिक धारदार बनाने का मौका मिलेगा। 


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