ऑस्ट्रेलिया ने 103 साल बाद खोजी प्रथम विश्वयुद्ध में लापता पनडुब्बी
ऑस्ट्रेलिया के हाथ एक बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। ऑस्ट्रेलिया ने 103 साल बाद विश्वयुद्ध के दौरान समुद्र में लापता अपनी पनडुब्बी को खोज निकाला है।
एजेंसी, ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया ने अपने नौसेना इतिहास की सबसे ब़़डी गुत्थी सुलझा ली है। ऑस्ट्रेलिया ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान समुद्र में लापता अपनी पनडुब्बी को 103 साल बाद खोज निकाला है। पनडुब्बी की खोज का यह 13वां अभियान था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को सफलता हाथ लगी।
जर्मनी के युद्धपोत के लिए समुद्र में गश्त कर रही एचएमएएस एई1 पनडुब्बी 14 सितंबर, 1914 को उत्तर--पूर्वी पापुआ न्यू गिनी स्थित न्यू ब्रिटेन द्वीप समूह और न्यू आयरलैंड के बीच अचानक लापता हो गई थी। पनडुब्बी पर उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के 35 सदस्य सवार थे। तब पनडुब्बी की काफी खोजबीन की गई थी लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला था। अब सर्वेक्षण जहाज फगरो इक्वेटर ने इसे पापुआ न्यूगिनी तट के करीब 'द ड्यूक ऑफ यॉर्क आइसलैंड्स' में 300 मीटर गहरे पानी में खोज निकाला है।
ऑस्ट्रेलिया की रक्षा मंत्री मैरिस पायने ने पनडुब्बी को खोजे जाने की जानकारी देते हुए गुरवार को यहां कहा, 'रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की यह पहली क्षति थी। यह प्रथम विश्वयुद्ध में लापता हुई मित्र देशों की पहली पनडुब्बी थी।' उन्होंने बताया कि फगरो इक्वेटर ने 2014 में हिंद महासागर में गुम हुए मलेशियाई विमान के अंतरराष्ट्रीय खोज अभियान में भी हिस्सा लिया था।
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