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खतरे में पड़ी अमेरिका-तालिबान शांति योजना, अशरफ गनी के हाथों में रहेगी अफगान की सत्‍ता

अशरफ गनी के जीत के बाद अमेरिका और तालिबान शांति वार्ता खतरे में पड़ गई है। तालिबान ने गनी की जीत को भी खारिज कर दिया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 09:53 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 09:53 AM (IST)
खतरे में पड़ी अमेरिका-तालिबान शांति योजना, अशरफ गनी के हाथों में रहेगी अफगान की सत्‍ता
खतरे में पड़ी अमेरिका-तालिबान शांति योजना, अशरफ गनी के हाथों में रहेगी अफगान की सत्‍ता

काबुल, एजेंसी । अफगानिस्‍तान के चुनाव आयोग ने मंगलवार को पांच महीने बाद राष्‍ट्रपति चुनाव के नतीजों की घोषणा की है। अशरफ गनी ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। मंगलवार को चुनाव आयोग के प्रमुख हवा आलम नुरिस्तानी ने नतीजे का एलान किया। इस नतीजें के बाद एक बार फ‍िर से अमेरिका और तालिबान शांति प्रक्रिया को ग्रहण लग सकता है। 

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खतरे में पड़ी अमेरिका-तालिबान शांति योजना

गनी के जीत के बाद अमेरिका और तालिबान शांति वार्ता खतरे में पड़ गई है। तालिबान ने गनी की जीत को भी खारिज कर दिया है। इसके पूर्व यह उम्‍मीद जगी थी‍ कि इस सप्‍ताह अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ेगी। इससे अमेरिकी सैनिकों की घर वापसी का मार्ग प्रशस्‍त होगा। बता दें कि तालिबान ने शुरू से ही इस चुनाव का बहिष्‍कार किया था। चुनाव परिणाम आने के बाद उसने नतीजों को मानने से इनकार कर दिया है।   

50.64 फीसद वोट हासिल करने में कामयाब रहे गनी 

आयोग ने कहा कि गनी 50.64 फीसद वोट हासिल करने में कामयाब रहे। चुनाव में उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी और नेशनल कोलीशन ऑफ अफगानिस्तान के प्रत्याशी अब्दुल्ला को सिर्फ 39.5 फीसद वोट मिले। चुनाव आयोग ने कहा कि गनी 923,592 वोट और अब्दुल्ला को 720,841 वोट मिले। बता दें कि राष्‍ट्रपति के चुनाव 28 सितंबर 2019 को हुए थे। इस चुनाव का तालिबान ने बहिष्‍कार किया था। चुनाव के दौरान कई स्थानों पर तालिबानी आतंकियों ने हमले किए थे। अब्दुल्ला के समर्थकों ने वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। इन कारणों से नतीजे घोषित करने में देरी हुई।

विपक्ष ने समानांतर सरकार बनाने की धमकी दी

चुनाव नतीजों के सामने आने के बाद अफगानिस्‍ता में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इसका विरोध किया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि अगर आयोग गनी के समर्थन में नतीजों की घोषणा करेगा, तो वे देश में एक समानांतर सरकार बनाएंगे। अब्दुल्ला के समर्थकों का आरोप है कि चुनाव में लगभग तीन लाख वोटों की हेराफेरी हुई। इसमें से एक लाख वोट मशीन में मतदान से पहले या बाद में फीड किए गए थे। अगर ऐसा हुआ तो अफगानिस्‍तान में एक संवैधानिक संकट उत्‍पन्‍न हो सकता है। 


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