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म्यांमार में सैन्य जुंटा ने आतंकी तैयार करने का लगाया आरोप

एनएचके वर्ल्ड के मुताबिक म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक बलों ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उन्होंने एक फरवरी के तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर सैन्य कार्रवाई से नागरिकों की रक्षा के लिए पीपुल्स डिफेंस फोर्स का निर्माण किया है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 02:46 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 02:46 PM (IST)
म्यांमार में सैन्य जुंटा ने आतंकी तैयार करने का लगाया आरोप
विस्फोटक से लेकर सुरक्षा बलों से मोर्चा लेने और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाने तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा

नेपी ता, एएनआइ। म्यांमार में सैन्य जुंटा ने शनिवार को आरोप लगाया है कि पीपुल्स डिफेंस फोर्स नागरिकों को सैन्य कार्रवाई से रक्षा के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। सैन्य प्रवक्ता जॉ मिन टुन ने बताया कि तीन ऐसे समूहों का खुलासा किया गया है जो नागरिकों को यह ट्रेनिंग दे रहे हैं। ऐसे लोगों को उन्होंने आतंकवादी बताया है। उनका कहना है कि नागरिकों को प्रदर्शन के दौरान सैन्य कार्रवाई से रक्षा के लिए पीपुल्स डिफेंस फोर्स के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए सात लोगों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को विस्फोटक से लेकर सुरक्षा बलों से मोर्चा लेने और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाने तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेना इस पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। एनएचके वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक बलों ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उन्होंने एक फरवरी के तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर सैन्य कार्रवाई से नागरिकों की रक्षा के लिए 'पीपुल्स डिफेंस फोर्स' का निर्माण कर रहे हैं, जो सैन्य शासन के अत्याचार से नागरिकों को बचाने का कार्य करेंगे।।

इस फोर्स के प्रशिक्षण स्थल पर पिछले दिनों हवाई हमले भी किए गए थे। सैन्य शासन ने इसी सिलसिले में अब तक 638 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।

म्यांमार में लगभग 20 जातीय अल्पसंख्यक सशस्त्र समूह मौजूद हैं। उनमें से कुछ सेना के खिलाफ लड़ने वाले नागरिकों की सहायता कर रहे हैं। बता दें कि म्यांमार ने इस साल एक फरवरी को आपातकाल की स्थिति की घोषणा की थी और देश की शक्ति रक्षा सेवाओं को कमांडर-इन-चीफ सीनियर जनरल मिन आंग हलिंग को हस्तांतरित कर दिया गया था।


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