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यमन में तबाही, जेल पर हुए हवाई हमले में मरने वाले कैदियों की संख्या 82 हुई

यमन के सादा प्रांत में स्थित जेल पर सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा किए गए हवाई हमले में करीब 82 लोग मारे गए हैं और 266 लोग घायल हो गए हैं। सहायता समूह ने कहा कि मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 11:37 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:05 PM (IST)
यमन में तबाही, जेल पर हुए हवाई हमले में मरने वाले कैदियों की संख्या 82 हुई
अरब गठबंधन के हवाई हमले ने यमन में मचाई तबाही

यमन, एएनआइ। यमन के सादा प्रांत में एक जेल पर हुए हवाई हमले में मरने वालों की संख्या 80 से अधिक हो गई है। जानकारी के अनुसार, एक सहायता समूह ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि यमन के सादा प्रांत में स्थित जेल पर सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा किए गए हवाई हमले में करीब 82 लोग मारे गए हैं। और 266 लोग घायल हो गए हैं। सहायता समूह ने कहा कि, मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि अभी भी राहत-बचाव का कार्य जारी है।

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दरअसल, कुछ दिनों पहले हूती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात के एक मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को निशाना बनाया था। UAE की राजधानी अबू धाबी के मुख्य एयरपोर्ट पर सोमवार को आग लग गई और तीन ईंधन टैकरों में विस्फोट हो गया था। इसमें दो भारतीय नागरिकों समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। यमन के हूती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। जिसके बाद हूती विद्रोहियों की ओर से संचालित जेल पर सऊदी अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन की ओर से हवाई हमले किए गए। इस हवाई हमले में अब तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। सहायता समूह के कर्मचारियों की मानें तो इस हमले में जेल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

बता दें कि, यमन में संघर्ष 2014 में शुरू हुआ था, हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना और उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सरकार को दक्षिण की ओर भागने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि अमेरिकी समर्थन प्राप्त सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने महीनों बाद यमन के युद्ध में प्रवेश किया। फिर यह संघर्ष एक क्षेत्रीय युद्ध में तबदील हो गया है। जिसमें अब तक हजारों नागरिक और लड़ाके मारे जा चुके हैं। इस युद्ध ने दुनिया का सबसे दयनीय मानवीय संकट पैदा किया है। और यमन में लाखों लोग भोजन और चिकित्सकीय देखभाल की समस्या से जूझ रहे हैं। यमन में चल रहे युद्ध ने इस देश को अकाल की कगार पर पहुंचा दिया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने यमन की स्थिति को दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट बताया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यमन में जारी हवाई हमलों के बारे में चिंता व्यक्त की, और संघर्ष के पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आह्वान किया है। 


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