Move to Jagran APP

अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल ने चीन में कुरान एप हटाया

कुरान मजीद दुनियाभर में एप स्टोर पर उपलब्ध है लेकिन अब चीनी अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल ने दुनिया में सबसे लोकप्रिय एप में से एक कुरान एप को हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि इस पर गैरकानूनी धार्मिक सामग्री रखने का आरोप है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 03:43 AM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 04:03 AM (IST)
अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल ने चीन में कुरान एप हटाया
अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल ने चीन में कुरान एप हटाया

नई दिल्ली, आइएएनएस। चीनी अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल (Apple) ने दुनिया में सबसे लोकप्रिय एप में से एक कुरान एप को हटा दिया है। कुरान मजीद दुनियाभर में एप स्टोर पर उपलब्ध है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारियों के अनुरोध पर एपल ने इसे हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि इस पर गैरकानूनी धार्मिक सामग्री रखने का आरोप है। इस मुद्दे पर टिप्पणी का अनुरोध किए जाने पर चीन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। एप हटाए जाने पर सबसे पहले एपल सेंसरशिप का ध्यान गया। एपल सेंसरशिप एक वेबसाइट है, जो दुनियाभर में एपल एप स्टोर की निगरानी करती है।

loksabha election banner

पिछले माह सितंबर में एपल और गूगल दोनों ने रूस चुनावों में विरोध मतदान के समन्वय के लिए बनाए गए एक एप को हटा दिया था। इस एप को रूस के विपक्षी नेता अलेक्सई नवलनी ने तैयार किया था। रूस के अधिकारियों ने दावा किया था कि एप अवैध है। उन्होंने यह भी धमकी दी कि एप को हटाने से मना करने पर दोनों कंपनियों के स्थानीय कर्मचारियों पर मुकदमा करा सकते हैं। चीनी सरकार ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है। इस एप को हटाए जाने पर सबसे पहले एपल के एप स्टोर के विभिन्न एप्लिकेशन की मानिटरिंग करने वाली वेसबसाइट एपल सेंशरशिप ने गौर किया।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर देश में इस्लाम को एक धर्म के रूप में मान्यता देती है। हालांकि, चीन पर शिनजियांग में अक्सर उइगर मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन और यहां तक कि नरसंहार का आरोप लगाया जाता रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि एप ने चीन में किन नियमों को तोड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुरान मजीद का कहना है कि उस पर विश्व स्तर पर 3.5 करोड़ से अधिक मुसलमानों द्वारा भरोसा किया जाता है। एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक पर अमेरिका में राजनेताओं द्वारा अमेरिकी राजनीति के बारे में बोलने, लेकिन चीन के बारे में चुप रहने के लिए पाखंड का आरोप लगाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.