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काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने छात्रों का विरोध प्रदर्शन, चीनी अतिक्रमण के खिलाफ आक्रोश

नेपाल में चीन के निर्माण कार्य के खिलाफ राजधानी काठमांडू में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर भी था जिन पर लिखा था कि चीन ने जिस इलाके का अतिक्रमण किया है वह नेपाल का हिस्सा है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 07:50 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:50 AM (IST)
काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने छात्रों का विरोध प्रदर्शन, चीनी अतिक्रमण के खिलाफ आक्रोश
नेपाल छात्र संघ के सदस्यों ने चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

काठमांडू, एएनआइ। नेपाल के उत्तरी इलाके में चीन द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य के खिलाफ नेपाल छात्र संघ के सदस्यों ने सोमवार को राजधानी काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते प्रदर्शनकारियों ने मास्क और फेस शील्ड लगा रखा था। प्रदर्शनकारी हमला जिले में चीनी अधिकारियों द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यो के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर भी था, जिन पर लिखा था कि चीन ने जिस इलाके का अतिक्रमण किया है, वह नेपाल का हिस्सा है।

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इस बीच नेपाली कांग्रेस ने सरकारी अधिकारियों के दौरा करने और रिपोर्ट सौंपने से पहले सरकार द्वारा मामले पर टिप्पणी करने की आलोचना की है। विपक्षी पार्टी ने रिपोर्ट का इंतजार नहीं करने के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इससे पहले नेपाल के विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा जमीन का अतिक्रमण किए जाने की खबरों का खंडन किया था।  

नेपाल के हुमला जिले में चीन द्वारा कथित रूप से इमारतों का निर्माण करने के खिलाफ देश के सिविल सोसाइटी समूह ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। मीडिया रिपो‌र्ट्स के मुताबिक, कार्यकर्ता 'नेपाल की जमीन वापस करो' और 'चीनी विस्तारवाद पर रोक लगाओ' जैसे नारे लगा रहे थे। काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने भी विरोध प्रदर्शन हुए।

रिपो‌र्ट्स के मुताबिक, चीन ने तिब्बत से लगे हुमला जिले में नेपाली जमीन पर कथित रूप से 11 इमारतों का निर्माण कर लिया है। हालांकि नेपाल में चीनी दूतावास ने इसका खंडन किया है। उसका कहना है कि इमारतें चीन की सीमा के अंदर बनाई गई हैं। चीनी दूतावास का यह भी कहना है कि चीन और नेपाल के बीच कोई भौगोलिक विवाद नहीं है। वहीं, नेपाल के विदेश मंत्री का भी कहना है कि उनके देश का चीन के साथ कोई सीमा विवाद नहीं है और न ही चीन ने उनके देश की जमीन पर कब्जा किया है।


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