नेपाल के पीएम ओली और कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड की एक और मुलाकात, पर नहीं बनी बात
शुक्रवार को पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक भी प्रस्तावित है। इसमें 68 वर्षीय प्रधानमंत्री ओली के राजनीतिक भविष्य का फैसला हो सकता है।
काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड एक बार आमने-सामने बैठे। कोशिश यही रही कि पार्टी न टूटे। दरअसल दोनों नेताओं में मनमुटाव इतना बढ़ चुका है कि पार्टी दो गुटों में बंट गई है। ताजा वार्ता से भी सुलह के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
शुक्रवार को पार्टी की अहम बैठक, हो सकता है फैसला
काठमांडू पोस्ट ने प्रचंड के मीडिया सलाहकार के हवाले से बताया कि छह दिन बाद मंगलवार को दोनों नेता साथ बैठे, कई मुद्दों पर चर्चा की। शुक्रवार को पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक भी प्रस्तावित है। इसमें 68 वर्षीय प्रधानमंत्री ओली के राजनीतिक भविष्य का फैसला हो सकता है। ओली ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि उनके विरोधी भारत की मदद से उन्हें कुर्सी से हटाना चाहते हैं।
नेपाल की सत्ता में साझेदारी को लेकर फंसा हुआ है पेच
प्रचंड ने रविवार को अपने गृह नगर चितवन में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहा था कि वे पार्टी को टूटने नहीं देंगे। पार्टी कमजोर हुई तो कोरोना वायरस और प्राकृतिक आपदा से हमारी लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी बड़ी पार्टी में वैचारिक मतभेद, विवाद और बहस एक स्वाभाविक बात है। यही प्रचंड कुछ दिन पहले तक ओली की भारत विरोधी टिप्पणियों से इतने खफा थे कि इस्तीफा लेने पर अड़े हुए थे।
ओली और प्रचंड पिछले कुछ दिनों में छह से अधिक बार मिल चुके हैं। बात सत्ता में साझेदारी को लेकर अटकी हुई है। दोनों नेता इसका कोई फार्मूला नहीं खोज पाए हैं। कुर्सी छोड़ने के दबाव के बावजूद ओली ने मतभेदों को बातचीत के जरिये सुलझा लेने का भरोसा जताया है। अब सबकी नजरें शुक्रवार को होने वाली पार्टी की अहम बैठक पर टिक गई है।