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आमिर मुताकी और इयान मैककरी की कतर में मुलाकात, अफगान-अमेरिकी रिश्तों को लेकर हुई चर्चा

अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और अमेरिकी सेना ने देश में अपनी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त कर दी थी। इसके बाद विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा अफगानिस्तान को मिलने वाली वित्तीय सहायता को निलंबित कर दिया गया था।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:25 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:25 AM (IST)
आमिर मुताकी और इयान मैककरी की कतर में मुलाकात, अफगान-अमेरिकी रिश्तों को लेकर हुई चर्चा
मुताकी ने अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी मिशन के प्रमुख इयान मैककरी से मुलाकात की

काबुल, एएनआइ। तालिबान सरकार के कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी ने बुधवार को कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी मिशन के प्रमुख इयान मैककरी से मुलाकात की। अफगान विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।

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मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी ने एक ट्वीट में कहा, 'आज दोहा में अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी मिशन प्रमुख, इयान मैककरी और सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुताकी से मुलाकात की। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा कि अधिकारियों ने अफगान-अमेरिकी संबंधों और कई मुद्दों पर चर्चा की।

अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और अमेरिकी सेना ने देश में अपनी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त कर दी थी। इसके बाद विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा अफगानिस्तान को मिलने वाली वित्तीय सहायता को निलंबित कर दिया गया था।

इसके अलावा, अमेरिका ने अफगान सेंट्रल बैंक से संबंधित अरबों डालर की संपत्ति को भी फ्रीज कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जी-20 के अन्य नेताओं ने एक वर्चुअल बैठक के दौरान तालिबान सरकार के माध्यम से सीधे अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त जताई है।

भुखमरी से बचने के लिए बच्चों को बेचने को मजबूर हुए अफगान परिवार

अफगानिस्तान के हालातों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें इसे लेकर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान की आधी से ज्यादा आबादी पर खाने का संकट पैदा हो सकता है। ये तस्‍वीरें जहां कागजों पर बदत्‍तर हो रही हैं वहीं हकीकत में हालात इनसे भी अधिक खराब हैं। यहां की एक सच्‍चाई यह भी है कि अफगान परिवार दो वक्‍त की रोटी जुटाने के लिए अपनी बच्चियों को बेचेन पर मजबूर हो गए हैं।

फाहिमा इन्‍हीं लोगों में से एक है, जिसे अपनी दो बच्चियों को बेचने पर मजबूर होना पड़ा है। फाहिमा को अपने पति के कहने पर यह कदम उठाना पड़ा था। उसके पति का कहना था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वो सभी लोग भूख की वजह से खत्‍म हो जाएंगे। फाहिमा ने अपनी जिन दो बच्चियों को बेचा है उनमें एक सिर्फ छह साल की ही है जबकि दूसरी केवल 18 महीने की है। फाहिमा ने बताया कि इस तरह के हालात यहां पर मौजूद हजारों लोगों के सामने हैं।


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