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दूतावास पर हमले के बाद सैकड़ों और सैनिकों को इराक भेज रहा अमेरिका

अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों के मद्देनजर 750 सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने की तैयारी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 01:10 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 01:10 AM (IST)
दूतावास पर हमले के बाद सैकड़ों और सैनिकों को इराक भेज रहा अमेरिका
दूतावास पर हमले के बाद सैकड़ों और सैनिकों को इराक भेज रहा अमेरिका

बगदाद, एएफपी। इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद अमेरिका ने सैकड़ों और सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने का फैसला किया है। मंगलवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के अंदर घुस गए थे और उन्होंने वहां आगजनी भी की थी।

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बगदाद में अमेरिकी दूतावास से हटे ईरान समर्थित मिलिशिया संगठन के समर्थक

बुधवार को हश्द अल-शाबी के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास की घेरेबंदी खत्म कर दी और वापस लौट गए। हश्द अल-शाबी ईरान समर्थित मिलिशिया संगठन है।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बताया हमले को आतंकी साजिश

'डेथ ऑफ अमेरिका' जैसे नारे लगा रहे ये प्रदर्शनकारी बीते रविवार को किए गए अमेरिकी हवाई हमलों का विरोध कर रहे थे। ईरान समर्थित हिजबुल्ला गुट पर किए गए इन हमलों में 25 लड़ाके मारे गए थे। अमेरिका ने इस गुट पर अमेरिकी ठेकेदार की हत्या का आरोप लगाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इस हमले को आतंकी साजिश करार दिया था और हमलावरों में से एक की पहचान अबू महदी अल मुहांदिस के रूप में की थी। मुहांदिस ईरान समर्थित हश्द अल-शाबी का दूसरे नंबर का प्रमुख है।

750 सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने की तैयारी- अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर

अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा कि 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की त्वरित प्रतिक्रिया इकाई के करीब 750 सैनिकों को अगले कुछ दिनों में पश्चिम एशिया भेजने की तैयारी है। उन्होंने कहा, 'यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों के मद्देनजर उठाए जा रहे हैं।'

ट्रंप ने ईरान के साथ युद्ध की संभावना को किया खारिज

पाम बीच में छुट्टियां मना रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, ईरान की स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभाला गया है। जहां तक ईरान के साथ युद्ध की बात है तो यह अच्छा विचार नहीं है। मुझे शांति पसंद है। इससे पहले ट्रंप ने दूतावास पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था और अमेरिकियों की हत्या के दुष्परिणाम झेलने की धमकी दी थी। ट्रंप ने कहा था, 'हमारे किसी भी प्रतिष्ठान में किसी की भी जान जाने या किसी भी प्रकार की क्षति के लिए ईरान पूरी तरह जिम्मेदार होगा। उसे इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी। यह धमकी नहीं है, खतरा है। नववर्ष मुबारक हो।'

खामनेई ने की अमेरिका की निंदा

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उनका देश किसी भी स्थिति का मुकाबला करने को तैयार है। सरकारी टीवी पर प्रसारित संदेश में खामनेई ने कहा कि मैं, ईरान की सरकार और ईरानी लोग अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया पर अमेरिकी हमले के बाद खामनेई ने पहली बार कोई टिप्पणी की है।

ईरान ने स्विटजरलैंड के अधिकारी को तलब किया

ईरान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि तेहरान ने स्विस दूतावास के एक अधिकारी को तलब किया और अमेरिका द्वारा की जा रही युद्धोन्माद संबंधी टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ईरान का कहना है कि अमेरिका जिस तरह की टिप्पणी कर रहा है वह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन है। स्विटजरलैंड ईरान में अमेरिकी हितों का प्रतिनिधित्व करता है।

तेहरान समर्थित हाशेद ने समर्थकों से धरना खत्म करने को कहा

तेहरान समर्थित इराक के हाशेद अल शाबी सैन्य बल ने बुधवार को अपने समर्थकों को बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर चल रहा धरना खत्म करने को कहा। मंगलवार से दूतावास को घेरे भीड़ को संबोधित करते हुए हाशेद ने कहा कि आपको जो संदेश देना था वह भलीभांति दे चुके हैं। ऐसे में उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन से बाहर आ जाएं। हालांकि कटैब हिजबुल्ला के एक प्रमुख कमांडर ने दूतावास पर बने रहने की बात कही है।


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