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Amazon Fire: भीषण आग से निपटने के लिए ब्राजील ने भेजी सेना, चौतरफा विरोध के बाद फैसला

Amazon Fire ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने अमेजन के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए सेना को भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने ये घोषणा यूरोपीय नेताओं के दबाव के बाद की है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 08:29 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 10:02 AM (IST)
Amazon Fire: भीषण आग से निपटने के लिए ब्राजील ने भेजी सेना, चौतरफा विरोध के बाद फैसला
Amazon Fire: भीषण आग से निपटने के लिए ब्राजील ने भेजी सेना, चौतरफा विरोध के बाद फैसला

ब्रासीलिया, आएएनएस। Amazon Fire: ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने अमेजन के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए सेना को भेजने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति ने आदेश जारी  करते हुए सेना को सीमाई, आदिवासी और संरक्षित इलाकों में तैनात करने को कहा है। उन्होंने ये घोषणा यूरोपीय नेताओं के दबाव के बाद की है। गौरतलब है कि फ्रांस और आयरलैंड ने कहा था कि वे इस दक्षिण अमेरिकी देश के साथ तब तक व्यापार सौदो को मंजूरी नहीं देंगे जब तक वो अमेजन की जंगलों में लगी आग से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है।

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ब्राजील के बीफ आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग
फिनलैंड के वित्त मंत्री ने भी ब्राजील के बीफ आयात पर प्रतिबंध लगाने पर यूरोपीय संघ से विचार करने के लिए कहा है। फिनलैंड वर्तमान में यूरोपीय संघ के परिषद का अध्यक्ष है। यह भूमिका हर छह महीने बाद सदस्य देश को मिलती है। 

बोलसोनारो की आलोचना
बोलसोनारो ने कहा है कि उनकी सरकार के पास इस भीषण आग से लड़ने के लिए संसाधनों की कमी है। लेकिन संरक्षणवादियों ने अमेजन की दुर्दशा के लिए उनकी सरकार को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि बोलसोनारो की नीति की वजह से वनों की कटाई में तेजी आई है। राष्ट्रपति ने इस आलोचना के जवाब में गैर-सरकारी संगठनों को इसके लिए दोषी ठहराया है में आग लगाना शुरू कर दिया था। हालांकि, उन्होंने ये भी स्वीकार किया है कि उनके पास इसके सबूत नहीं हैं। 

मैक्रों ने इस भीषण आग को अंतरराष्ट्रीय संकट बताया
इसी बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस भीषण आग को अंतरराष्ट्रीय संकट बताया है और कहा है कि 7 देशों के समूह के नेताओं को इस सप्ताह के अंत में फ्रांस में होने वाले शिखर सम्मेलन में इसे लेकर तत्काल चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा 'हमारा घर जल रहा है। पृथ्वी को जहां से 20% ऑक्सिजन मिलता है वहां आग लगी है। ये एक  अंतर्राष्ट्रीय संकट है।'

बोलसोनारो पर जलवायु परिवर्तन लेकर झूठ बोलने का आरोप
मैक्रों ने बोलसोनारो पर जलवायु परिवर्तन लेकर उनसे झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि बोलसोनारो ने पर्यावरण पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं करना चाहते। फ्रांस ने ब्राजील, अर्जेंटीना, पैराग्वे और उरुग्वे सहित कई दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ एक यूरोपीय संघ के व्यापार समझौते को रोकने की धमकी दी है। वहीं बोलसोनारो ने मैक्रों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

अमेजन को संरक्षित किया जाना चाहिए
दुनिया में सबसे बड़े वर्षावन अमेजन में इस समय भीषण आग लगी हुई है। अमेजन को ऑक्सिजन का मुख्य स्रोत माना जाता है। ये ग्लोबल वार्मिंग की गति को भी धीमा कर देता है। यहां लगी आग से पूरा विश्व चिंतित है। UN के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'वैश्विक जलवायु संकट के बीच, हम ऑक्सीजन और जैव विविधता के एक प्रमुख स्रोत को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा सकते। अमेजन को संरक्षित किया जाना चाहिए।'

ट्रंप ने मदद की पेशकश की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अमेजन के जंगलों में लगी आग को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने शुक्रवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो से फोन पर बात की और मदद की पेशकश की। ट्रंप ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।

पर्यावरण समूहों ने किया प्रदर्शन
पर्यावरण समूहों ने आग से निपटने के लिए कार्रवाई की मांग करने के लिए शुक्रवार को ब्राजील भर के शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। लंदन, बर्लिन, मुंबई और पेरिस सहित दुनिया भर में सैकड़ों प्रदर्शनकारी ब्राजील के दूतावासों के बाहर एकत्र हुए।

सेलिब्रिटी फैला रहे गलत जानकारी
बता दें कि दुनिया का फेफड़ा कहे जाने वाले अमेजन वर्षावन पिछले दो हफ्ते से आग की चपेट में है। इसे लेकर दुनियाभर में चिंता जाहिर की जा रही है, लेकिन इस आग को लेकर मैडोना-रोनाल्डो जैसे सेलिब्रिटी अनजाने में गलत जानकारी फैला रहे हैं। यहां तक की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नाम भी इस लिस्ट में है। दरअसल, अमेजन आग की जो इन्होंने फोटो शेयर की हैं, वे या तो पुरानी हैं, या कहीं और कीं।  

बोलीविया और पराग्वे भी कर रहे संघर्ष
पड़ोसी देश बोलीविया और पराग्वे भी इस आग पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रक्षा मंत्री जेवियर जावलेटा के अनुसार इससे बोलीविया में लगभग 7,500 स्कवायर किलोमीटर (2,900 वर्ग मील) भूमि प्रभावित हुई है।

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