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एयर लीक नहीं होता बंद तो 18 दिनों में ही स्पेस सेंटर से खत्म हो जाता प्रेशर

रूसी अंतरिक्ष यान से एयर लीक का पता चलते ही रूस और अमेरिका ने सक्रियता दिखाई और इसे बंद कर दिया।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 12:44 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 02:37 PM (IST)
एयर लीक नहीं होता बंद तो 18 दिनों में ही स्पेस सेंटर से खत्म हो जाता प्रेशर
एयर लीक नहीं होता बंद तो 18 दिनों में ही स्पेस सेंटर से खत्म हो जाता प्रेशर

केन कैनावेरल (एपी)। संकट हो तो दुश्मन भी हो जाते हैं साथ। इसकी एक नजीर पेश की है अमेरिका और रूस ने। पृथ्‍वी से 400 किमी की ऊंचाई पर इंटरनेशनल स्‍पेस सेंटर (आइएसएस) से एयर लीक के कारण केबिन का एयर प्रेशर कम होने लगा था। अमेरिका की नासा और रूस के अंतरिक्ष यात्रियों ने पता चलते ही तुरंत इसे बंद कर किया।

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टकराया था उल्‍कापिंड...
इंटरनेशनल स्‍पेस सेंटर में अंतरिक्षयात्रियों को रूसी अंतरिक्षयान में हुए एक छोटे से छेद को भरने में कामयाबी मिली। इस छेद की वजह से हवा का रिसाव हो रहा था। सूत्रों का कहना है कि कि सूक्ष्म उल्कापिंड के टकराने (मेटेरॉयट स्‍ट्राइक) से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में छोटा सा छेद हो गया जिसे अस्थायी तौर पर बंद तो कर दिया गया लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बन गई है। हालांकि नासा व रूस ने कहा है कि अंतरिक्षयात्री खतरे में नहीं थे।

... तो बचती नहीं हवा
यूरोपियन स्पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर जर्स्ट ने पहले छेद को अपनी अंगुली के सहारे बंद कर दिया। बाद में क्रू ने इसे टेप की मदद से बंद किया। यदि इस लीक पर ध्यान नहीं जाता तो अगले 18 दिनों में क्रू के पास हवा बचती ही नहीं।

केबिन के प्रेशर में हो गई थी कमी
सूक्ष्म उल्कापिंड के टकराने से में पता चल सका। गुरुवार सुबह क्रू सदस्यों ने टेप से इस छेद को बंद कर दिया। सोयुज कैप्सूल में हुआ यह छेद करीब दो मिलीमीटर का था जिससे एयर लीक हो रहा था। बुधवार रात को केबिन में दबाव में कुछ कमी आने के बाद इसके बारे छेद पर पहले टेप लगाकर लीक को कम किया गया। बाद में दो रूसी अंतरिक्षयात्रियों ने एक कपड़े पर सीलेंट डालकर छेद पर रखा जबकि उनके सहयोगियों ने जमीन पर मौजूद इंजीनियरों के लिए इसकी तस्वीरें उतारी। इस बीच यान नियंत्रकों ने केबिन के दबाव पर नजर रखी और बेहतर स्थायी समाधान के लिए काम करते रहे।

फिलहाल स्थिति नियंत्रण में
अधिकारियों ने बताया कि मॉस्को के बाहर मिशन कंट्रोल ने अंतरिक्षयात्रियों को सीलेंट को रात भर सूखने के लिए छोड़ने को कहा और शुक्रवार को इस संबंध में और जांच की जाएगी। अस्‍थायी उपाय से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

जून में अंतरिक्ष पहुंचा था सोयुज
लीक होने वाला यह सोयुज जून में तीन अंतरिक्षयात्रियों को लेकर ऑर्बिटिंग लैब में पहुंचा था। नासा प्रवक्‍ता ने कहा कि फिलहाल यह बताना मुश्‍किल है कि लीक के कारण तीनों अंतरिक्षयात्री वापस धरती पर लौटेंगे या नहीं। सोयुज के ऊपरी भाग में यह छेद हुआ था। 400 किमी की ऊंचाई पर तीन अमेरिकी, दो रूसी और एक जर्मन अंतरिक्षयात्री हैं। स्‍पेसक्राफ्ट के लिए अंतरिक्ष का मलबा खतरनाक है। 


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