तालिबानी फरमान का विरोध, रंग-बिरंगी पोशाक में अपनी फोट डाल रहीं अफगान की महिलाएं
दुनिया भर में फैली अफगानिस्तानी महिलाएं तालिबान के हिजाब फरमान के प्रति विरोध जता रहीं हैं। इनका कहना है कि बुर्का कभी भी अफगान संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा। ये अफगानिस्तानी महिलाएं इंटरनेट मीडिया पर रंग-बिरंगी पोशाक में अपनी फोट डाल रहीं हैं।
नई दिल्ली, आइएएएनएस। अफगानिस्तान की महिलाओं ने तालिबान के स्कूल में हिजाब पहनने के फरमान का विरोध करने का अनूठा तरीका ढूंढ निकाला है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में फैली अफगानिस्तानी महिलाएं इंटरनेट मीडिया पर अपनी रंग-बिरंगी पोशाक में फोटो डालकर तालिबान के फैसले का विरोध कर रही हैं।
तालिबान ने स्कूलों में जहां लड़कियों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य बना दिया है वहीं कालेज और उच्च शिक्षण संस्थानों में भी लड़कियों के लिए बुर्का पहनना जरूरी बना दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में सहशिक्षा पर भी रोक लगा दी गई है। पुरुष शिक्षक भी लड़कियों को नहीं पढ़ा सकेंगे। अगर पढ़ाएंगे भी तो पर्दे के पीछे से। पिछले दिनों काबुल की यूनिवर्सिटी में सिर से पांच तक काले रंग के बुर्के में ढंगी तस्वीर भी सामने आई थी। ये महिलाएं तालिबान के फैसले के समर्थन में बुर्का पहनकर यूनिवर्सिटी में पहुंची थीं।
इन महिलाओं के विरोध में अन्य अफगान महिलाओं ने रंग-बिरंगी पारंपरिक अफगानी पोशाकों में अपनी तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर डालनी शुरू कर दी हैं। अमेरिकन यूनिवर्सिटी आफ अफगानिस्तान की पूर्व फैकल्टी बहार जलाली की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक यह अभियान शुरू करने में उन्होंने ही मदद की है। इसके बाद से ही अन्य महिलाएं ट्विटर पर अपनी फोटो डाल रही हैं।
This is Afghan culture. I am wearing a traditional Afghan dress. #AfghanistanCulture pic.twitter.com/DrRzgyXPvm
— Dr. Bahar Jalali (@RoxanaBahar1) September 12, 2021
सीसीएन के मुताबिक जलाली ने काले बुर्के में एक महिला की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, 'अफगानिस्तान के इतिहास में किसी महिला ने कभी भी इस तरह की पोशाक नहीं पहनी है। यह पूरी तरह से विदेशी और अफगानिस्तान की संस्कृति के लिए नया है। तालिबान द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचना को दूर करने और लोगों को सूचित व शिक्षित करने के लिए मैंने पारंपरिक अफगान पोशाक में अपनी तस्वीर पोस्ट की है।'
उनके इस ट्वीट के बाद अन्य अफगान महिलाओं ने पारंपरिक पोशाक में अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं। डीडब्ल्यू न्यूज में अफगान सेवा की प्रमुख वसलत हसरत-नजिमी पारंपरिक अफगान पोशाक में अपनी फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह अफगान संस्कृति है और इस तरह अफगान महिलाएं कपड़े पहनती हैं।' काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद पिछले महीने अफगानिस्तान छोड़ने वाली गायिका और कार्यकर्ता शेकिबा तिमोरी ने कहा कि काबुल में पहले भी महिलाएं हिजाब पहनती थीं। लेकिन यह उनके परिवार का फैसला होता।