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'US Embassy, Kabul Blast: 9/11 की बरसी पर अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमला, रॉकेट से बनाया निशाना

9/11 की 18वीं बरसी पर अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास पर हमला किया गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 07:32 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 11:22 AM (IST)
'US Embassy, Kabul Blast: 9/11 की बरसी पर अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमला, रॉकेट से बनाया निशाना
'US Embassy, Kabul Blast: 9/11 की बरसी पर अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमला, रॉकेट से बनाया निशाना

काबुल, एपी। 9/11 की 18वीं बरसी पर अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला किया गया है। हमला काफी खतरनाक बताया जा रहा है, इसकी तीव्रता भी ज्यादा थी। अमेरिका में 9/11 हमले की बरसी पर बुधवार तड़के अमेरिकी दूतावास के पास अफगानिस्तान की राजधानी में एक बड़ा विस्फोट हुआ। लेकिन परिसर के अधिकारियों ने लगभग एक घंटे बाद सभी को स्पष्ट घोषित कर दिया और कोई घायल नहीं होने की सूचना दी।

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न्यूज एजेंसी शिनहुआ के मुताबिक यह एक रॉकेट हमला था। हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है।अफगान अधिकारियों की ओर से कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की गई है। नाटो मिशन ने कहा कि कोई भी कर्मी घायल नहीं हुआ है।

ट्रंप के बयान के बाद पहला हमला
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता को रद किए जाने के फैसले के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में पहला बड़ा हमला है। पिछले हफ्ते के अंत में ट्रंप ने अचानक यूएस-तालिबान वार्ता को अचानक बंद कर दिया था। इससे पहले दो तालिबान कार बमों ने पिछले सप्ताह काबुल को हिला दिया, जिसमें कई नागरिक और नाटो मिशन के दो सदस्य मारे गए।ट्रम्प ने उन धमाकों में से एक में अमेरिकी सेवा सदस्य की मौत का हवाला देते हुएअमेरिका-तालिबान शांति वार्ता को रद कर दिया था।

हालांकि किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब पिछले दिन ही तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ बड़े हमले की चेतावनी दी।

आज 9/11 की 18वीं बरसी  पर हमला
9/11 की 18वीं बरसी अफगानिस्तान की राजधानी में एक संवेदनशील दिन है, जिस दिन हमला हुआ हैं। बता दें, 2001 में हमले के तुरंत बाद अल-कायदा नेता और 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सेना ने मार गिराया था। लगभग 18 सालों की लड़ाई में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या 100,000 तक बढ़ गई और 2011 में पड़ोसी पाकिस्तान में लादेन के मारे जाने के बाद नाटकीय रूप से गिरा।

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