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दुनिया में गहराता जा रहा जलयुद्ध का खतरा, पांच संभावित नदियां में से तीन भारत में मौजूद

पानी को लेकर तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका लंबे समय से जताई जा रही है। रिपोर्ट की मानें तो अगर भारत खतरे में पड़ा तो इसका असर पड़ोसी देश चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर भी पड़ेगा।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 01:28 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 09:18 AM (IST)
दुनिया में गहराता जा रहा जलयुद्ध का खतरा, पांच संभावित नदियां में से तीन भारत में मौजूद
दुनिया में गहराता जा रहा जलयुद्ध का खतरा, पांच संभावित नदियां में से तीन भारत में मौजूद

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दुनिया भर में लगातार बढ़ती जनसंख्या और जलवायु परिवर्तन ने प्राकृतिक संसाधनों को खतरे में डाल दिया है। सबसे ज्यादा खतरा पानी को लेकर है, जो बहुत तेजी से कम हो रहा है। ऐसे में बहुत से जानकार और विश्लेषक आशंका जता चुके हैं भविष्य में अगला विश्वयुद्ध पानी को लेकर हो सकता है। इसके संकेत अभी से दिखने भी लगे हैं। अब एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि जलयुद्ध के गहराते खतरे को लेकर भारत की स्थिति सबसे चिंताजनक हो सकती है।

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भविष्य में पानी को लेकर विश्वयुद्ध होगा या नहीं, ये अभी कहना मुश्किल है, लेकिन पानी एक अंतरराष्ट्रीय समस्या बन चुका है। पानी को लेकर कई देशों के बीच विवाद छिड़ चुका है। बात अगर भारत की करें तो यहां भी दिल्ली-हरियाणा, पंजाब-हरियाणा और तमिलनाडू-कर्नाटक समेत कई राज्यों में जल बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद सामने आता रहता है। इसके अलावा जल बटवारे को लेकर भारत का पड़ोसी देशों पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश से भी लंबे समय से विवाद चल रहा है।

भारत में जल संरक्षण पर खर्च हो रहे करोड़ों रुपये
भारत के अंदर और बाहर जल बंटवारे का विवाद कितना गहरा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे लेकर सरकारों के बीच तलवारे खिंच जाती हैं। कई समाजसेवी इस मुद्दे पर अक्सर धरना-प्रदर्शन करते रहते हैं। बावजूद देश की राजधानी दिल्ली समेत तमाम राज्यों में जलसंकट एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। सरकारी स्तर पर जल संरक्षण को लेकर तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं और करोड़ों रुपये का बजट हर साल खर्च किया जाता है।

इन नदियों पर है खतरा
अब एक ताजा रिपोर्ट में भी पानी को लेकर निकट भविष्य में अंतरराष्ट्रीय विवाद बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में दुनिया भर में पानी को लेकर गंभीर संघर्ष होने वाले हैं, जिसे जलयुद्ध (Water Wars) भी कहा जा सकता है। रिपोर्ट में जलयुद्ध के लिए संभावित पांच नदियों को चिन्हित किया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन पांच नदियों में से तीन भारत में हैं। चिन्हित नदियों में नील, गंगा-ब्रह्मपुत्र, सिंधु, टाइग्रिस-यूफ्रेट्स और कोलोराडो नदियां शामिल हैं।

विशेषज्ञों ने बताए ये उपाय
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि अब भी हम जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को दूर करने के लिए तैयार हो जाते हैं तो इस आशंका को टाला जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अगले कुछ वर्षों में ही दुनिया के कई देशों में लोग पानी के लिए आपस में भिड़ पड़ेंगे। भारत में दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों के कई एरिया में ये स्थिति अभी बन चुकी है। इससे निपटने के लिए संबंधित देशों को जल विवाद की मूल वजहों तक जाना होगा। इसके बाद प्रतिबद्ध होकर उससे निपटने के संयुक्त उपाय करने होंगे।

50-100 साल में हो सकता है जलयुद्ध
जल संकट को लेकर ये रिपोर्ट यूरोपीय आयोग के संयुक्त अनुसंधान केंद्र (JRC) द्वारा जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या और जलवायु परिवर्तन के बीच दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों को लेकर होड़ मची हुई है। इससे क्षेत्रीय अस्थिरता और सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है। इस अध्ययन का नेतृत्व JRC वैज्ञानिक फैबियो फैरिनोसि (Fabio Farinosi) ने किया है। उन्होंने इस अध्ययन में उन कारकों को शामिल किया है जो भविष्य में पानी पर झगड़े की वजह बन सकते हैं। अध्ययन में पानी को लेकर पूर्व में हुए संघर्षों और विवादों को भी शामिल किया गया है। शोधकर्ताओं ने अगले 50 से 100 वर्षों में ऐसे अवसरों को 75 से 95% रखा। वे कितने बुरे होंगे, निश्चित रूप से देखा जाना बाकी है।

खतरनाक चिन्हित नदियों की महत्ता
रिपोर्ट में जलयुद्ध के लिए जिन संभावित जगहों को चिन्हित किया गया है, उसमे नील, गंगा-ब्रह्मपुत्र, सिंधु, टाइग्रिस-यूफ्रेट्स और कोलोराडो नदियां शामिल हैं। नील नदी पूर्वोत्तर अफ्रीका की एक प्रमुख नदी है और दुनिया की सबसे लंबी नदियों में शुमार है। गंगा, भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख नदी है जो भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र, एशिया की प्रमुख नदियों में शामिल है जो भारत समेत चीन और बांग्लादेश से होकर बहती है।

सिंधु, एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है जो भारत और पाकिस्तान के बीच बहती है। सिंधु नदी पाकिस्तान की सबसे लंबी और राष्ट्रीय नदी है। टाइग्रिस नदी दक्षिण पूर्वी तुर्की के पहाड़ों से इराक और फारस होते हुए खाड़ी में मिलती है। यूफ्रेट्स पश्चिमी एशिया की सबसे लंबी और ऐतिहासिक नदियों में से एक है। टिगरिस के साथ यह मेसोपोटामिया की दो परिभाषित नदियों में से एक है। कोलोराडो नदी दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तरी मैक्सिको की प्रमुख नदी है। ये नदी सात अमेरिकी और दो मैक्सिकन राज्यों को जोड़ती है।

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