अफगानिस्तान से वर्जिनिया आने वाले पांच शरणार्थी खसरा से पीड़ित
पिछले माह समूचे अफगानिस्तान पर तालिबानियों के काबिज होते ही वहांं के लोग अपना वतन छोड़ जल्द से जल्द किसी सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचने की होड़ में जुट गए। इस क्रम में दुनिया के दूसरे देशों में ये शरणार्थियों के तौर पर पहुंचने लगे हैं।
रिचमंड, ण्पी। अफगानिस्तान से वर्जीनिया पहुंचे पांच लोग खसरा या चेचक (measles) से पीड़ित हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को दी। चार दिन पहले ही अफगान शरणार्थियों की एक अमेरिकी उड़ान को रोक दिया गया क्योंकि उसमें खसरा के चार मामले थे। अमेरिका पहुंचे इन अफगान नागरिकों को क्वारंटाइन कर दिया गया। सभी की जांच की गई। वर्ष 2000 में ही अमेरिका ने देश को खसरा मुक्त घोषित कर दिया था।
वर्जिनिया के स्वास्थ्य विभाग ने न्यूज रिलीज में बताया कि ये लोग अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका सरकार के निकासी अभियान का हिस्सा हैं। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि जिन्हें खसरा या चेचक है उन्हें कहां रखा गया है लेकिन उन्होंने यह बताया कि ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है जो पीड़ितों के संपर्क में आए थे। इस बात का संदेह है कि अफगानिस्तान से आई शरणार्थियों के इस खेप में जो लोग थे उनमें से कुछ डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कुछ अमेरिका और कुछ उत्तरी वर्जिनिया में गए होंगे। साथ ही रिचमंड अस्पताल में ऐसे लोगों के संपर्क में आए उन लोगों की भी पहचान की जा रही है जो उनका इलाज या फिर किसी और कारण से साथ में रहे।
खसरा (Measles) अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो खांसने, छींकने या नाक और मुंह से निकले ड्रापलेट के संपर्क में आने से फैल सकता है। अधिकतर अमेरिकियों को इससे बचाव के लिए वैक्सीन लग चुकी है। इससे ग्रस्त मरीज को तेज बुखार, खांसी और बेचैनी होती है और शरीर पर लाल रंग के निशान पड़ जाते हैं। साथ ही ये रीढ़ की हड्डी, कान और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाती है। वक्त पर इलाज न मिलने से मरीज की मौत भी हो सकती है। 2000 में अमेरिका में व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन कराई गई और इस बीमारी के खत्म होने का ऐलान किया गया था।