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दो दिन में सीरिया से तुर्की पहुंचे 25 हजार लोग, जानें क्या है मामला

सीरिया के इदलिब प्रांत में हवाई हमले तेज होने के बाद पिछले दो दिनों में 25 हजार लोग भागकर पड़ोसी मुल्क तुर्की पहुंचे हैं।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 07:43 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 07:43 PM (IST)
दो दिन में सीरिया से तुर्की पहुंचे 25 हजार लोग, जानें क्या है मामला
दो दिन में सीरिया से तुर्की पहुंचे 25 हजार लोग, जानें क्या है मामला

दमिश्क,रायटर। सीरिया के इदलिब प्रांत में हवाई हमले तेज होने के बाद पिछले दो दिनों में 25 हजार लोग भागकर पड़ोसी मुल्क तुर्की पहुंचे हैं। सीरिया की असद सरकार और उसकी सहयोगी रूसी सेना के हवाई हमलों से भयभीत लोग अपना घर-बार छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं।

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तुर्की में पहले से ही युद्धग्रस्त सीरिया से भागे 37 लाख लोगों ने शरण ले रखी है, जो दुनिया के किसी देश में शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या है। तुर्की की सरकारी न्यूज एजेंसी के अनुसार, बीते दो माह में इदलिब से पलायन करने वालों की संख्या दो लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इस पर चिंता जताते हुए बीते गुरुवार को कहा था कि युद्ध के कारण 50 हजार सीरियाई नागरिक उनके देश की तरफ बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सीरिया में विद्रोही गुटों के कब्जे वाले इलाके में रूस समर्थित सेना के हमले में इस साल सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

सीरिया के चालीस लाख लोगों को मानवीय सहायता एक वर्ष के लिए बढ़ाने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को रूस और चीन ने वीटो का इस्तेमाल करके रोक दिया है। फिलहाल सीरिया में मानवीय सहायता संयुक्त राष्ट्र के जांच केंद्रों से होकर पहुंचाई जाती है और इसके लिए बशर अल असद सरकार की अनुमति नहीं लेनी होती है।

13 सदस्यों मिला समर्थन

मौजूदा सुविधा की समय-सीमा अगले वर्ष 10 जनवरी को समाप्त हो रही है। इसी अवधि को बढ़ाए जाने के लिए जर्मनी, बेल्जियम और कुवैत ने सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को परिषद के 13 सदस्यों का समर्थन मिला था, लेकिन इस पर रूस और चीन ने वीटो कर इसे रोक दिया। बता दें कि इस संबंध में रूस ने भी एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के जांच केंद्रों की संख्या को कम करके छह महीने के विस्तार की अनुमति देने की बात कही गई थी।


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