Mizoram: मानव तस्करी का शिकार हुई 23 नेपाली लड़कियां को बचाया गया
मिजोरम पुलिस ने मंगलवार को बताया कि मानव तस्करी का शिकार हुई 23 नेपाली लड़कियों को तस्करों के चंगुल से बचाया गया और नेपाली अधिकारियों को सौंप दिया गया।
आइजोल, आइएएनएस। दुनिया भर में नशीली दवाओं और हथियारों के कारोबार के बाद मानव तस्करी तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। यह एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन इसे लेकर सही आंकड़े कही उपलब्ध नहीं। इसकी एक मुख्य वजह ये भी है कि तस्करी के मामलों में केवल आधे फीसदी ही मामले रिकॉर्ड किए जाते है। अब मिजोरम में इसका भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि मानव तस्करी का शिकार हुई 23 नेपाली लड़कियों को तस्करों के चंगुल से बचाया गया और नेपाली अधिकारियों को सौंप दिया गया।
पुलिय ने बताया कि मानव तस्करी का शिकार हुई लड़कियों को शुक्रवार को नेपाल सरकार के अधिकारियों को सौंप दिया गया। आइजोल जिला पुलिस प्रमुख कार्तिक कश्यप ने बताया कि मिजोरम पुलिस और राज्य के समाज कल्याण विभाग और NGOs ने पीड़ितों को नेपाल के महिला और बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया। बताया गया कि पीड़ितों को मिजोरम पुलिस ने 24 अप्रैल को म्यांमार के साथ सीमा साझा करने वाले चम्फी क्षेत्र से बचाया था।
मिजोरम सरकार ने राज्य में मानव तस्करी को रोकने और लोगों के अवैध सीमा पार आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने के बारे में अधिकारियों को सचेत किया है। बता दें कि पिछले तीन हफ्तों के दौरान मिजोरम में 20 रोहिंग्या मुस्लिम लड़कियों का भी रेस्क्यू किया गया। वर्तमान में उन्हें आश्रय घरों में रखा गया हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नेपाली और रोहिंग्या मुस्लिम युवा लड़के-लड़कियों की तस्करी के मामले में एक बिचौलिए और एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि मानव तस्कर म्यांमार का उपयोग कथित तौर पर युवा लड़कियों और लड़कों को खाड़ी और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भेजने का कर रहे हैं।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार ‘किसी व्यक्ति को डराकर, बलप्रयोग कर या दोषपूर्ण तरीके से भर्ती, परिवहन या शरण में रखने की गतिविधि तस्करी की श्रेणी में आती है’। दुनिया भर में 80 प्रतिशत से ज्यादा मानव तस्करी यौन शोषण के लिए की जाती है, और बाकी बंधुआ मजदूरी के लिए।
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