यूरोपीय थिंक-टैंक ने की भारत की तारीफ, कहा- 21 दिवसीय लॉकडाउन कोरोना वायरस से लड़ाई में अहम
यूरोपीय थिंक-टैंक ने कहा है कि कोरोना के प्रसार को रोकने की दिशा में 21 दिन का लॉकडाउन भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
एम्स्टर्डम (नीदरलैंड), एएनआइ। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पीएम मोदी द्वारा लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन की दुनियाभर में सराहना हो रही है। एक प्रमुख यूरोपीय थिंक-टैंक ने कहा है कि कोरोना के प्रसार को रोकने की दिशा में 21 दिन का लॉकडाउन भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
एम्स्टर्डम आधारित थिंक-टैंक, यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) ने कहा कि 130 करोड़ लोगों पर लगाया गया लॉकडाउन का फैसला बिलकुल भी आसान नहीं है। भारत जैसे देश में जहां विशाल जनसंख्या है वहां, सोशल डिस्टेंसिंग के कॉन्सेप्ट को लागू करना अपने आप में ही एक मिसाल है।
EFSAS के निदेशक जुनैद कुरैशी ने कहा, 'मेरी राय में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने में लॉकडाउन एक बहुत अच्छा और बेहद महत्वपूर्ण कदम है। जबकि यूरोपीय देशों सहित कई देशों ने महामारी में बढ़ोत्तरी के बावजूद भी इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने में देरी कर दी। भारत ने अपनी सीमाओं को बंद करने और लॉकडाउन का फैसला इन सबसे पहले ही ले लिया था।'
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बहुत पहले ही महसूस कर लिया था कि भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में वैश्विक महामारी का विनाशकारी परिणाम हो सकता है। भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम की वजह से ही कोरोना वायरस के मामलों और मौतों की संख्या में तेजी नहीं आई है। ये भारत की दूरदर्शिता को दर्शाता है।
बता दें कि इस रिपोर्ट के फाइल होने तक संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों की संख्या 144,280 है, जबकि इटली में 97,687 और चीन में 81,195 है। हालांकि, भारत में 1071 मामले दर्ज किए गए हैं।
EFSAS का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदम देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे, लेकिन इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं था। जुनैद ने एएनआई को बताया कि दैनिक वेतन भोगी मजदूरों और प्रवासी मजदूरों के लिए एक भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। ये एक अच्छी दिशा में उठाया गया एक कदम है।