बांग्लादेश से सड़क मार्ग से वापस आए 235 भारतीय, लॉकडाउन के कारण थे फंसे
त्रिपुरा लौटने वालों को अगरतला में सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि 133 लोगों ने ढाका में भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया था।
अगरतला, एजेंसियां। पूर्वोत्तर राज्यों के 235 लोग गुरुवार को सड़क मार्ग से बांग्लादेश से स्वदेश लौट आए। लॉकडाउन के कारण ये सभी बांग्लादेश में फंसे हुए थे। ये लोग भारत-बांग्लादेश सीमा की तीन चौकियों से देश में दाखिल हुए। बांग्लादेश में भारत की उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास ने बताया कि लौटने वालों में ज्यादातर त्रिपुरा, असम, मणिपुर और मेघालय के रहने वाले हैं।
अखौरा-अगरतला इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट से त्रिपुरा लौटने वालों के साथ आई रीवा गांगुली दास ने कहा कि सभी भारतीय नागरिकों ने देश लौटने की इच्छा जताई थी। जिन अन्य दो चौकियों से भारतीय लौटे हैं उनमें मेघालय सीमा पर स्थित दावकी-तामबिल चौकी और असम सीमा पर स्थित सुतारकांडी-शेओला चौकी शामिल हैं। त्रिपुरा से लोकसभा की सदस्य प्रतिमा भौमिक ने अगरतला में वापस लौटे लोगों का स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि राज्य के 129 लोग लौटने वाले थे लेकिन गुरुवार को 106 ही आए। इन सभी को सात दिनों तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा और जांच में निगेटिव पाए जाने पर उन्हें अनिवार्य होम क्वारंटाइन की सलाह के साथ घर जाने दिया जाएगा। निगेटिव नहीं पाए जाने पर अगरतला के जीबी पंत अस्पताल में उनका इलाज कराया जाएगा।
कुवैत सरकार डिपोर्ट करेगी 135 भारतीय
त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने बताया कि कुवैत सरकार 135 भारतीयों को डिपोर्ट करने जा रही है। कानून का उल्लंघन करने पर ये लोग कुवैत की जेल में बंद थे। इसमें 89 असम और 46 त्रिपुरा के हैं। सभी शुक्रवार रात विमान से गुवाहाटी पहुंचेंगे।