अफगान सुरक्षा बलों के अभियान में मारे गए 15 तालिबानी आतंकी
अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत कंधार में शनिवार को अफगान सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में जहां 15 तालिबानी आतंकी मारे गए
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत कंधार में शनिवार को अफगान सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में जहां 15 तालिबानी आतंकी मारे गए, वहीं दो को गिरफ्तार कर लिया गया। शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने अफगान नेशनल आर्मी के ऑपरेशनल कार्प्स के हवाले से बताया कि इस ऑपरेशन को शुक्रवार को निस जिले के किंझक इलाके में अंजाम दिया गया। सुरक्षा बलों के इस ऑपरेशन पर तालिबान ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
24 तालिबानी आतंकियों को मार गिराया
इससे पहले 24 नवंबर को अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत जोवजन में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों दोनों पक्षों के बीच हुए सशस्त्र संघर्ष में अफगान सुरक्षा बलों के दो सदस्य मारे गए। वहीं इस कार्रवाई में 24 तालिबानी आतंकियों को भी मार गिराया था।
हवाई हमले में 14 आतंकी मारे गए
इससे पहले 19 नवंबर को भी उत्तरी कुंदुज प्रांत में अफगान वायुसेना ने हवाई हमला कर तालिबान के डिविजनल कमांडर सहित कम से कम 14 आतंवादियों को मौत के घाट उतारा था। मारे गए आतंकवादी में प्रमुख स्थानीय कमांडर हमजा के नाम से लोकप्रिय एजातुल्ला और उसके दो करीबी सहयोगी भी शामिल था। बयान में ये भी कहा गया था कि मारे गए आतंकवादियों में सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकवादी भी थे। इन्होंने इमारत, सैन्य परिसरों और अन्य इमारतों पर हमले किए थे।
दो अमेरिकी सैनिकों की मौत
20 नवंबर को अफगानिस्तान में एक हेलीकॉप्टर हादसे में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई। अमेरिकी सेना ने कहा था कि यह एक दुर्घटना प्रतीत हो रही है, हालांकि तालिबान ने दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी सैनिको को मार गिराया। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकियों ने एक मुजाहिदीन के अड्डे पर हमला करना चाहा लेकिन हमने उनके हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया और उसमें आग लग गई।
अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी चाहता है अमेरिका
11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में तालिबान के हमलों के 18 साल बाद भी लगभग 13000 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में तैनात हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सैनिकों को वापस बुलाने को लेकर उत्सुकता दिखाई है लेकिन संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने इस महीने अमेरिकी मीडिया को बताया कि अमेरिकी बलों के अफगानिस्तान में कई और वर्षों तक बने रहने की संभावना है। इसे लेकर अमेरिकी प्रतिनिधि और तालिबानी प्रतिनिधि के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन तालिबान के हमले में अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने में ट्रंप ने वार्ता रद कर दी थी। अब फिर अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत की संभावना बनी है।