वेनेजुएला में इतिहास का सबसे लंबा ब्लैकआउट, डायलिसिस नहीं होने से 15 मरीजों की मौत
वेनेजुएला का हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद प्राकृतिक ईंधन के धनी इस देश की स्थित भयावह हो चली है।
कराकस, एएफपी। वेनेजुएला का हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद प्राकृतिक ईंधन के धनी इस देश की स्थित भयावह हो चली है। देश के कई हिस्सों में लंबे समय से बिजली नहीं है और तमाम इलाके अंधकार में डूबे हैं। एक एनजीओ ने शनिवार को जानकारी दी कि किडनी की बीमारी से ग्रस्त 15 मरीजों की इलाज के आभाव में मौत हो गई है। उन्हें डायलिसिस की जरूरत थी, लेकिन बिजली नहीं होने के कारण उन्हें डायलिसिस नहीं मिल पाया। एनजीओ की डायरेक्टर फ्रांसिस्को वैलेंसिया के अनुसार शुक्रवार और शनिवार दो ही दिन में इन मरीजों की मौत हुई है।
वैलेंसिया ने बताया कि किडनी के मरीजों की हालत बहुत खराब है। यहां के 95 फीसद डायलिसिस सेंटर बिजली नहीं होने की वजह से नहीं चल पा रहे हैं, हालात नहीं सुधरे तो 100 फीसद डायलिसिस सेंटर बंद हो जाएंगे। ऐसे में किडनी के मरीजों के लिए हालात और भी खराब हो सकते हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए बताया कि देशभर में हुए इस ब्लैकआउट के चलते डायलिसिस के सहारे जी रहे 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी। बता दें कि वेनेजुएला में गुरुवार दोपहर से ही बिजली की बड़ी किल्लत है। देश के अधिकतर हिस्से अंधकार में डूबे हैं और यह देश के इतिहास के सबसे बुरे ब्लैकआउट के दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने देश के इस ब्लैकआउट के लिए भी अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि अमेरिका और दुनियाभर के 50 से ज्यादा अन्य देश विपक्षी नेता जुआन गाइदो का समर्थन कर रहे हैं। ज्ञात हो कि गाइदो ने हाल में खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। गाइदो ने बताया कि शनिवार तक 70 फीसद स्थानों पर बिजली की समस्या को सुलझा लिया गया है, बाकी जगहों पर भी जल्द ही बिजली आ जाएगी। उन्होंने बताया कि देश के एक जेनरेटर पर साइबर अटैक हुआ था, जिसे अप ठीक कर लिया गया है।