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Afghanistan News: अफगानिस्तान में 11 साल के बच्चे ने गलती से एक लड़के को गोली मारकर की हत्या

अफगानिस्तान में एक 11 वर्षीय लड़के ने हाल ही में अफगानिस्तान में कलाश्निकोव राइफल (Kalashnikov rifle) से खेलते हुए अपने 10 वर्षीय साथी की गलती से हत्या कर दी। इस बात की जानकारी एक स्थानीय मीडिया ने दी है।

By Versha SinghEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 02:42 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 02:42 PM (IST)
Afghanistan News: अफगानिस्तान में 11 साल के बच्चे ने गलती से एक लड़के को गोली मारकर की हत्या
अफगानिस्तान में 11 साल के बच्चे ने गलती से एक लड़के को गोली मारकर की हत्या

काबुल (अफगानिस्तान), एजेंसी। अफगानिस्तान में एक 11 वर्षीय लड़के ने हाल ही में अफगानिस्तान में कलाश्निकोव राइफल (Kalashnikov rifle) से खेलते हुए अपने 10 वर्षीय साथी की गलती से हत्या कर दी। इस बात की जानकारी एक स्थानीय मीडिया ने दी है।

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खामा प्रेस ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि यह दुखद घटना देश के उत्तरी प्रांत फरयाब के कोहिस्तान जिले के हाशतोमिन गांव में हुई है।

सूत्रों के अनुसार 10 वर्षीय मोहम्मद नादर की हत्या 11 वर्षीय अब्दुल रहमान ने कर दी थी, जबकि वह और दो अन्य बच्चे घर में बंदूक से खेल रहे थे।

खामा प्रेस के अनुसार, इससे पहले, उसी फरयाब प्रांत में एक किशोर लड़के ने अपने पिता की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी, जब 14 वर्षीय रामिन को घरेलू और शारीरिक हिंसा का शिकार होना पड़ा था।

बता दें कि अफ़ग़ानिस्तान में ऐसी ही कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें बच्चों द्वारा बंदूक से खेलते समय दूसरे बच्चे को गलती से मार देना शामिल है।

इस तरह के कई मामले पहले भी हो चुके हैं और देश भर के कई प्रांतों में कई बच्चों को गोलियां लगी हैं।

अफ़ग़ानिस्तान में मारे गए बच्चों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण बच्चों का बंदूकों से खेलना, मोर्टार के बिना फटे गोले, आयुध और युद्ध के अन्य अवशेषों का शिकार होना है।

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद से अफगानिस्तान में बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेषों ने 301 बच्चों की जान गई है और या फिर वो घायल हुए हैं।

अफगानिस्तान वर्तमान में एक गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय आकलन के अनुसार, 23 मिलियन से अधिक लोगों को सहायता की आवश्यकता है।

इसके अलावा, पिछले साल अगस्त में अफगान सरकार के पतन और तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति खराब हो गई है। हालांकि देश में लड़ाई समाप्त हो गई है, लेकिन महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभी भी गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन लगातार जारी है।

देश से अमेरिकी सेना की वापसी के साथ, देश के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो रही है और बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई है।

UNAMA के अनुसार, कम से कम 59 प्रतिशत आबादी को अब मानवीय सहायता की आवश्यकता है। 2021 की शुरुआत की तुलना में 6 मिलियन लोगों की वृद्धि हुई है।


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