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तालिबान के नहीं बल्कि अफगानिस्तान के साथ है पाकिस्तान, स्थायी शांति है लक्ष्य

अफगानिस्तान तालिबान के बीच शांति वार्ता जारी है। इस बीच पाकिस्तान ने कहा है कि यह तालिबान की मदद नहीं करेगा बल्कि अफगानिस्तान में स्थायी तौर पर शांति बहाली का लक्ष्य है। यह जानकारी पाकिस्तान की आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 12:45 PM (IST)
तालिबान के नहीं बल्कि अफगानिस्तान के साथ है पाकिस्तान, स्थायी शांति है लक्ष्य
अफगानिस्तान में स्थायी तौर पर शांति बहाली का लक्ष्य

काबुल, आइएएनएस। पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से तालिबान (Taliban) को समर्थन नहीं दिया जाएगा लेकिन अफगानिस्तान में स्थायी तौर पर शांति बहाली का लक्ष्य है। यह जानकारी पाकिस्तान की आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार (Major General Babar Iftikhar) ने कहा, 'अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात अब 90 के दशक वाले नहीं रहे और यहां के बुनियादी ढांचा को आसानी से नहीं हिलाया जा सकता है और अब पाकिस्तान भी बदल गया है।' अफगानिस्तान से सेना की वापसी पर उन्होंने कहा, 'तालिबान के लिए यह असंभव है कि वह दोबारा काबुल पर कब्जा करे और  पाकिस्तान इसमें सहयोग करेगा। ऐसा नहीं हो रहा है।' 

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उन्होंने कहा, 'यहां तक कि अफगान नेताओं ने स्वीकार किया है कि अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान ने काफी प्रयास किया है।' जनरल इफ्तिखार ने कहा कि देश का भविष्य तय करना  अफगानिस्तान की सरकार और वहां की जनता के हाथ है। उन्होंने कहा, ' अफगानिस्तान में लंबे समय तक के लिए शांति हमारी चाहत है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सरकार की नीति पड़ोसी देशों में शांति स्थापित करना है।' बता दें कि तालिबान और अफगानिस्तान  सरकार (Afghan Government) के बीच कतर (Qatar) में शांति वार्ता (Peace Talks) दोबारा शुरू हो गई है।

बुधवार को अफगान के विदेश मंत्री (MoFA) मोहम्मद हनीफ अतमर (Mohammad Hanif Atmar) शांति वार्ता पर चर्चा के लिए मॉस्को गए। इस दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंध को मजबूत बनाना है। यह जानकारी विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवड ने दी। उनके इस दौरे के पांच दिन पहले ही विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के लिए रूसी राजदूत जमीर काबुलोव के एक बयान पर प्रतिक्रिया दी थी। रूसी राजदूत ने कहा था कि वो अफगानिस्तान में समावेशी व गठबंधन की सरकार का समर्थन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि तालिबान ने अमेरिका के साथ अपनी डील का उल्लंघन नहीं किया है।


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